KLAIAS:सिविल सेवा तैयारी के दौरान क्या कठिनाइयां आती है?
विकास सांगवान : मेरा मानना है कि विभिन्न प्रकार के लोगों के लिए चुनौतियां और कठिनाइयां भी भिन्न-भिन्न होती है। यह व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए काफी मुश्किल था, क्योंकि कॉर्पोरेट क्षेत्र में पिछले छः वर्षों से कार्य कर रहा था।
KLAIAS: सिविल सेवाओं की ओर आप कैसे आकर्षित हुए?
विकास सांगवान : मेरा मानना है कि, सिविल सेवा एक महत्वपूर्ण सेवा है और सरकारी मशीनरी का हिस्सा बन कर आप जनता की बेहतर सेवा कर सकते हैं। यह अन्य नौकरियों से थोड़ा भिन्न है। यद्यपि कोई व्यक्ति अन्य नौकरियों के माध्यम से भी राष्ट्र की सेवा कर सकता है। लोगों के जीवन पर व्यापक प्रभाव डालने के संदर्भ में सिविल सेवा कुछ विभिन्न प्रकार की रूपरेखा प्रस्तुत करता है। मैं नहीं समझता कि कोई अन्य जॉब इस मामले में इसके समतुल्य है।
KLAIAS: उम्मीदवारों के बीच एक आम धारणा यह है कि यह परीक्षा निष्कासन या एलिमिनेशन प्रक्रिया पर आधारित है न कि चयन प्रक्रिया पर, क्या आप इस प्रकार की अवधारणाओं से सहमत हैं? इस परीक्षा में सफल होने के बाद इस संदर्भ में आप क्या समझते हैं?
विकास सांगवान: मैं ऐसा नहीं समझता हूँ। इस परीक्षा में लगभग 5 से 8 लाख उम्मीदवार प्रारंभिक परीक्षा में बैैठते हैं, जिसमें लगभग 15,000 मुख्य परीक्षा के लिए सफल हो पाते हैं। मेरा मानना है कि, असल प्रतियोगिता 50,000 से 1 लाख उम्मीदवारों के मध्य होती है, अतः गंभीर उम्मीदवारों के मध्य होती है। अतः गंभीर उम्मीदवारों के लिए मैं यह नहीं कह सकता कि यह परीक्षा एक निष्कासन या एलिमिनेशन प्रक्रिया है। यह उम्मीदवारों में कुछ निश्चित योग्यताओं एवं व्यक्तित्व संबंधी विशिष्टताओं की मांग करता है। यदि आपके अंदर ये विशिष्टताएं और योग्यताएं हैं, तो आप एक अच्छे प्रशासक बन सकते हैं।
KLAIAS: आपने इस परीक्षा में सफलता कैसे प्राप्त की? आपने क्या विशिष्ट रणनीति अपनाई? इस परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए आप किन रणनीतियों की सिफारिश करना चाहेंगे?
विकास सांगवान: निरंतरता तथा तैयारी के संदर्भ में दृष्टिकोण की स्पष्टता महत्त्वपूर्ण चीजें हैं। परीक्षा में क्या पूछा जा रहा है यह एक अन्य बात है। जब कभी आप यात्र प्रारंभ करते हैं, तो आपको जानना चाहिए कि अंतिम उद्देश्य क्या है, जिसे आप हासिल करना चाह रहे हैं। निरंतर यूपीएससी के पाठ्यक्रम देखते रहने और पूछे जा रहे प्रश्नों पर नजर रखने, उन्हें हल करते रहने से कोई भी इस परीक्षा को आसानी से क्रैक कर सकता है।
KLAIAS: आपका प्रेरणा स्रोत क्या था? अपनी सफलता का श्रेय आप किसे देना चाहेंगे?
विकास सांगवान: सरकार की महत्त्वपूर्ण पहलें, जैसे ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्वच्छ भारत’ इत्यादि पहलें मेरी प्रेरणास्रोत रही है और वास्तव में इनसे मुझे काफी प्रेरणा मिली। लेकिन उससे पहले मैं अपनी सफलता में माता-पिता को श्रेय देना चाहूँगा, जिन्होंने मुझे सक्षम बनाया कि मैं यूपीएससी की तैयारी कर सकूँ। उनके द्वाराप्रदान किये गये अवसर और समर्थन के लिए मैं उनका आभारी हूँ। इसके अतिरिक्त मैं सर्वशक्तिमान ईश्वर, अध्यापकों, मित्रें तथा अपने कठिन परिश्रमों को भी अपनी सफलता में श्रेय देना चाहूँगा।
KLAIAS: प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए लंबे सामान्य अध्ययन पाठ्यक्रम को क्या आपने एकीकृत किया था? या आपने दोनों की अलग-अलग तैयारी की थी?
विकास सांगवान: पाठ्यक्रम को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि प्रारंभिक परीक्षा वास्तव में मुख्य परीक्षा में जो कुछ भी पूछा जाता है, उसका सबसेट या उप समुच्चय है। कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहाँ प्रश्न केवल मुख्य परीक्षा में ही पूछा जाता है, जैसे विश्व इतिहास एवं इथिक्स। लेकिन संपूर्ण रूप से पाठ्यक्रम दोनों पक्षों को कवर करता है। अतः प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए एकीकृत तैयारी रणनीति की आवश्यकता होती है।
KLAIAS: क्या आपने इथिक्स प्रश्न-पत्र के लिए कोई विशिष्ट रणनीति अपनाई थी? इस प्रश्न-पत्र के केस अध्ययन खंड की तैयारी आपने कैसे की?
विकास सांगवान: इथिक्स प्रश्न-पत्र सबसे सरल भी और कठिन भी है। अतः इस प्रश्न-पत्र में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए आपको जहाँ तक हो सके अपने उत्तरों को बेसिक ही रखना चाहिए। इथिक्स प्रश्न-पत्र में सामाजिक मामलों के बारे में आपकी राय अत्यंत महत्त्वपूर्ण हो जाती है। पूर्व वर्षों के इथिक्स प्रश्न-पत्रों की अध्यापकों और सहपाठियों के साथ चर्चा इस प्रश्न-पत्र की संपूर्ण तैयारी में अत्यंत सहायक है।
KLAIAS: भारी भरकम और लंबे पाठ्यक्रम को देखते हुए आपने प्रासंगिक सामग्री का चुनाव कैसे किया?
विकास सांगवान: पिछले पाँच वर्षों के प्रश्नों का प्रिट आउट लेकर मैंने प्रचलित रुझानों पर फोकस किया। इस प्रक्रिया के माध्यम से पुस्तकों एवं सामग्री का चुनाव करना इतना मुश्किल नहीं है, साथ ही टॉपर्स की बताई गई रणनीतियों में कॉमन बिन्दुओं की पहचान के जरिए भी पाठ्य सामग्री का चुनाव किया जा सकता है।
KLAIAS: तैयारी के दौरान वैकल्पिक विषय और सामान्य अध्ययन प्रश्न-पत्रें के बीच आपने समय विभाजन या प्रबंधन कैसे किया?
विकास सांगवान: तैयारी के दौरान समय प्रबंधन एक महत्त्वपूर्ण पहलू है। मैनें लगभग 50 प्रतिशत समय वैकल्पिक विषय को समर्पित किया तथा बाकी समय सामान्य अध्ययन के लिए। मैंने 8 से 10 घंटे प्रतिदिन अध्ययन के लिए समय सारणी बनाई, क्योंकि इससे अधिक समय तक एकाग्रता नहीं बनाई जा सकती है।
KLAIAS: आपने प्रतिदिन कितने घंटे अध्ययन किया? आपकी राय में एक औसत उम्मीदवार को इस परीक्षा की तैयारी के लिए कितने समय की आवश्यकता होती है?
विकास सांगवान: ईमानदारी से, छः घंटे प्रतिदिन अध्ययन पर्याप्त होता है, लेकिन वास्तव में समर्पित प्रयास होना चाहिए। कितने घंटे आप पढ़ते हैं इससे कोई मतलब नहीं, जो कुछ जितने भी समय में अध्ययन किया जाता है उसकी गुणवत्ता/उत्पादकता/प्रासंगिकता महत्त्वपूर्ण है। स्वयं पर विश्वास और एक अच्छी रणनीति इस परीक्षा में आपको सफलता दिला सकती है।
KLAIAS: आपकी लेखन-शैली क्या थी? क्या यह पैराग्राफ के रूप में थी या बिन्दुवार रूप में?
विकास सांगवान: उत्तर का प्रस्तुतिकरण ही अंततः सर्वप्रमुख भाग है। मुख्य परीक्षा का उत्तर लेखन के लिए हमें यथोचित ढांचे की आवश्यकता होती है, ताकि उत्तर व्यवस्थित तथा पूछे गये प्रश्न की मांग के अनुसार हो। उत्तर 2 से 3 लाइनों की भूमिका के साथ शुरु होना चाहिये। उत्तर के मुख्य भाग में सभी उप-बिन्दुओं का समावेश करना चाहिये। उप-शीर्षक, बुलेट पॉइंट में देना चाहिये, साथ ही निष्कर्ष विश्लेषणात्मक शैली में समाप्त करना अधिक बेहतर होता है। उत्तर के अंतर्गत निम्नांकित घटकों का ध्यान रखना आवश्यक है-
KLAIAS: उत्तर लेखन के दौरान 200 शब्द सीमा को आपने कैसे मैनेज किया?
विकास सांगवान: उत्तर लेखक का निरंतर अभ्यास आपको वास्तविक परीक्षा के लिए बेहतर तैयार कर सकता है। इसके अतिरिक्त निरंतर रणनीति को अद्यतन करने की भी जरूरत होती है।
KLAIAS: क्या आपने कोई टेस्ट सीरीज ज्वाइन की थी? इस परीक्षा की तैयारी के लिए आपके अनुसार ये टेस्ट सीरीज कितने सहायक और प्रासंगिक हैं?
विकास सांगवान: टेस्ट सीरीज परीक्षा में आने वाले संभावित प्रत्यक्ष एवं परोक्ष प्रश्नों के प्रति छात्रें को सजग बना सकती है। टेस्ट सीरीज एक मॉडल प्रश्न-प्रदान करते हैं, जससे आप परीक्षा में अपने उत्तरों को सहजता से लिख सकें। यह वास्तव में मुख्य परीक्षा से पूर्व स्वयं के आकलन का अच्छा माध्यम है।
KLAIAS: पूर्व वर्षों के प्रश्न-पत्रें के अभ्यास के संदर्भ में आपकी क्या राय है?
विकास सांगवान: पूर्व वर्षों के प्रश्न-पत्र विभिन्न दृष्टिकोणों से काफी सहायक हो सकते हैं। यह आपको विशिष्ट रुझानों के विश्लेषण में सहायता करता है तथा इसके माध्यम से आप यूपीएससी की वास्तविक मंशा या डिमांड को जान सकते हैं।
KLAIAS: तैयारी की संपूर्ण अवधि के दौरान आपने उत्साह और एकाग्रता को कैसे प्रबंधित किया? सामान्य दिनचर्या के एकाग्रता भंग करने वाले कारकों को आपने कैसे नजर अंदाज किया?
विकास सांगवान: खुद का उत्साह बनाये रखने के लिए, आपके सामने सदैव लक्ष्य होना चाहिए। इसके लिए स्वयं को कुछ विशेष प्रकार की हॉबी में संलग्न करना चाहिए, जैसे मैं दौड़ लगाना या ऑनलाइन शतरंज खेलना पसंद करता था। इसके अतिरिक्त कुछ घनिष्ठ मित्रें से बातें करना तथा माता-पिता आपके उत्साहवर्द्धन में सहायक हो सकते हैं।
KLAIAS: आपके अनुसार इंटरनेट एवं ऑनलाइन अध्ययन सामग्री कितनी उपयोगी है? आप किन वेबसाइटों की सिफारिश करना चाहेंगे?
विकास सांगवान: यथोचित रणनीति अपनाकर विशेष रूप से टॉपर्स द्वारा सुझाई गई रणनीतियां आपका मार्गदर्शन कर सकती है। किन अध्ययन सामग्री का चुनाव करें? और क्या पढें? जैसे प्रश्नों का उत्तर टॉपर्स द्वारा अच्छे से समझाया जाता है। मैंने सोशल मीडिया को तैयारी के दौरान जानबूझ कर नजर अंदाज किया, क्योंकि सोशल मीडिया साईटें एकाग्रता भंग करती है। मैं सरकारी वेबसाईटों का नियमित विजिटर रहा हूँ, जैसे प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (च्प्ठ) एवं विभिन्न मंत्रलयों की वेबसाइटें यूपीएससी की तैयारी में अत्यंत उपयोगी होती है।
KLAIAS: साक्षात्कार की तैयारी कैसे महत्त्वपूर्ण है और आपने इसकी तैयारी कैसे की?
विकास सांगवान: साक्षात्कार सिविल सेवा की तैयारी का अंतिम एवं महत्त्वपूर्ण चरण है। यह आपको सफलता दिला सकता है या आपकी सफलता के प्रयासों को कम कर सकता है। साक्षात्कार की तैयारी के संबंध में निम्नांकित बिन्दु उल्लेखनीय हैं-
KLAIAS: विभिन्न सर्वग्राही और व्यापक पत्रिकाओं और पुस्तकों के संदर्भ में आपकी क्या राय है? विशेष रूप से सिविल सेवा परीक्षा हेतु किरण प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पत्रिका और पुस्तकों के विषय में।
विकास सांगवान: यूपीएससी की तैयारी रणनीति के लिए पूर्व वर्षों के प्रश्न महत्त्वपूर्ण होते हैं और इनसे काफी सहायता मिलती है। समसामयिकी पर किरण प्रकाशन की पत्रिकाओं ने मेरी तैयारी के दौरान उत्साह बनाये रखने में सहायक हुई है।
KLAIAS: भविष्य में सिविल सेवा के अभ्यर्थियों को आपकी क्या सलाह है? इस परीक्षा की थकाऊ और लंबी प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवार किस प्रकार स्वयं के उत्साह को बनाये रखें?
विकास सांगवान: आपको अपनी तैयारी के बारे में स्पष्ट होना चाहिए, वो भी स्पष्ट उत्साहवर्द्धक लक्ष्यों के साथ। अपने दृष्टिकोण एवं दैनिक अध्ययन में आपको अनुशासित होना चाहिए। आपका अध्ययन अत्यधिक चयनात्मक होना जरूरी है, साथ ही अत्यधिक लेखन अभ्यास इस परीक्षा को पास करने की पूर्व शर्त है।
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