यह रकम एक्जिम बैंक को निर्यात के समर्थन के साथ व्यवसाय के विस्तार में मदद करेगा।
17 जनवरी, 2019 को केंद्र सरकार ने देश में निर्यात क्षेत्र और विभिन्न निर्यातकों को बढ़ावा देने के साथ कारोबार का विस्तार करने हेतु सरकार की स्वामित्व वाली एक्जिम बैंक में 6,000 करोड़ रूपये की पुनर्पूंजीकरण की मंजूरी दी है। पिछले वित्तीय वर्ष में, सरकार ने इस बैंक के समर्थन में 500 करोड़ रुपये मंजूर किए थे, लेकिन निर्यात ऋण और वैश्विक निर्यात आयात सेवा के लिए वैश्विक प्रदर्शन के मामले में बैंक की भूमिका में वृद्धि के बाद से, सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में Rs.6000 करोड़ का निवेश किया है। सरकार के इस पूंजी प्रबंध के निर्णय से छोटे व मध्यम दर्जे के उद्यम लाभान्वित होंगे, इस पूंजी के उपयोग से प्रौद्योगिकी के आयात-निर्यात, उत्पाद-विकास, निर्यात-उत्पादन, निर्यात-विपणन, पूर्व-शिपमेंट और पोस्ट-शिपमेंट के साथ विदेशी निवेश को मजबूत करने । इस रकम को दो खंडों में निष्पादित किया जाएगा, 4,500 करोड़ रूपये को मार्च – 2019 तक जबकि शेष राशि 1,500 करोड़ रूपये को अप्रैल महीना के बाद प्रेषित किया जाएगा साथ ही सरकार ने बैंक की अधिकृत पूंजी को 10,000 करोड़ से दोगुना यानि 20,000 करोड़ तक करने का फैसला किया है।
EXIM (निर्यात और आयात) बैंक का महत्व:
एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ इंडिया भारत की एक वित्तीय संस्थान है, जिसे 1982 में एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक ऑफ इंडिया एक्ट 1981 के तहत स्थापित किया गया था। इस बैंक की मुख्य भूमिका सीमा पार व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने में एक उत्प्रेरक और एक महत्वपूर्ण प्रतिभागी के रूप में है। यह दुनिया के अन्य निर्यात ऋण एजेंसियों की तरह एक्सपोर्ट क्रेडिट का एक पुरोधा है, EXIM बैंक ने अपने को एक ऐसे संस्थान के रूप में विकसित किया है, जो भारतीय उद्योगों, विशेष रूप से लघु और मध्यम उद्यमों की भागीदारी में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। इस बैंक ने वैश्वीकरण के दौर में व्यापार चक्र के सभी चरणों में उत्पादों और सेवाओं की श्रृंखला को विस्तृत करने का प्रयास किया है जिसमे प्रौद्योगिकी के आयात और निर्यात उत्पाद विकास से लेकर निर्यात उत्पादन, निर्यात विपणन, प्री-शिपमेंट और पोस्ट-शिपमेंट शामिल है।
EXIM बैंक में पूंजी प्रबंध का प्रभाव:
पुनर्पूंजीकरण बांड सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को जारी किए गए बांडों के आधार पर ही जारी किए जाएंगे, EXIM बैंक में पूंजी का निषेक इसके पूंजी की पर्याप्तता बढ़ाने और बढ़ी हुई क्षमता के साथ भारतीय निर्यात का समर्थन करने में सक्षम करेगा। यह बैंक को अपने उत्तोलन अनुपात को सही करने में मदद करेगा, यह सूचक कुल पूंजी के संबंध में एक बैंक की कुल संपत्ति को दर्शाता है, वर्तमान यह अनुपात10 गुणा की नियामक सीमा की तुलना में एक्जिम बैंक के लिए 17 गुना से अधिक है। RBI और अन्य रेटिंग एजेंसियों द्वारा संबंधित बैंक की वित्तीय स्थिति रिपोर्ट में सुधर करने को इंगित करेगा। यह कॉरपोरेट बिल्डिंग को निर्यात संबंधी सुविधाओं के निर्माण के लिए ऋण देगा साथ ही कई नई पहलों को बढ़ावा देगा जैसे कि वस्त्र उद्योगों का समर्थन करना, रियायती वित्त योजना में संभावित बदलाव, देश की सक्रिय विदेश नीति और रणनीतिक मंशा के मद्देनजर भविष्य में ऋण के नए पत्रों की संभावना को विस्तारित करेगा।
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