संदर्भ
वित्तीय प्रभावः
विवरणः
इस योजना के तहत वाणिज्यिक स्तर पर 12 परियोजनाओं को और प्रदर्शन के स्तर पर दूसरी पीढ़ी के 10 इथेनॉल परियोजनाओं को दो चरणों में वित्तीय मदद दी जाएगी।
1. पहला चरण (2018-19 से 2022-23)- इस अवधि में 6 वाणिज्यिक परियोजनाओं और 5 प्रदर्शन के स्तर वाली परियोजनाओं को आर्थिक मदद दी जाएगी।
2. दूसरा चरण (2020-21 से 2023-24)- इस अवधि में बाकी बची 6 वाणिज्यिक परियोजनाओं और 5 प्रदर्शन स्तर वाली परियोजनाओं को मदद की व्यवस्था की गई है।
1. जीवाश्म ईंधन के स्थान पर जैव ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ावा देकर आयात पर निर्भरता घटाने की भारत सरकार की परिकल्पना को साकार करना।
2. जीवाश्म ईंधन के स्थान पर जैव ईंधन के इस्तेमाल का विकल्प लाकर उत्सर्जन के सीएचजी मानक की प्राप्ति।
3. बायोमास और फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान का समाधान और लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना।
4. दूसरी पीढ़ी की इथेनॉल परियोजना और बायोमास आपूर्ति श्रृंखला में ग्रामीण और शहरी लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना।
5. बायोमास कचरे और शहरी क्षेत्रों से निकलने वाले कचरे के संग्रहण की समुचित व्यवस्था कर स्वच्छ भारत मिशन में योगदान करना।
6. दूसरी पीढ़ी के बायोमास को इथेनॉल प्रौद्योगिकी में परिवर्तित करने की विधि का स्वदेशीकरण।
अन्य पहलु
पृष्ठभूमिः
अंतर्राष्ट्रीय /पीआईबी
Pic courtesy: Finserving.com
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