दुनिया भर में उल्लेखनीय बीमारियां एवं इससे होनेवाले नुकसान का कारण प्रदूषण और मानव निर्मित आपदाएं हैं।
वर्ष 2019 के लिए पर्यावरण आउटलुक रिपोर्ट का 6 वां संस्करण संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण समिति द्वारा जारी किया गया है। यह एक फ्लैगशिप रिपोर्ट है क्योंकि यह संगठन के मुख्य कार्यों को पूरा करती है, जिसका आधार संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1972 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम में तैयार किया गया था। ग्लोबल एनवायरनमेंट आउटलुक (GEO) भी उत्पादों की एक श्रृंखला है जो न केवल सरकारों के लिए बल्कि युवाओं, व्यवसायों और स्थानीय सरकारों जैसे विभिन्न हितधारकों को भी पर्यावरणीय निर्णय लेने की सूचना देती है और इसका उद्देश्य विज्ञान और इससे संबंधित नीति को सुविधाजनक बनाना है। इस रिपोर्ट को 70 से अधिक देशों के 250 वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया था, इसका कहना है कि या तो हम पर्यावरण संरक्षण के उपाय करें या फिर इस अर्धशताब्दी तक एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के शहरों क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लाखों लोगों की अकाल मृत्यु को देखने के लिए तैयार रहें। इसके साथ यह भी चेतावनी दी गई है कि इस दौरान हम हमारे मीठे पानी की प्रणालियों में प्रदूषक, एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध को 2050 तक मृत्यु का एक प्रमुख कारण बनते हुए देखेंगे साथ ही अंतःस्रावी विघटन पुरुष और महिला प्रजनन क्षमता,बाल न्यूरोडेवलपमेंट को प्रभावित कर सकते हैं। इस रिपोर्ट में इस तथ्य पर प्रकाश डाला गया है कि दुनिया के पास विज्ञान, तकनीक और वित्त है जिसके सहयोग से अधिक टिकाऊ विकास मार्ग की ओर बढ़ने की आवश्यकता है, हालांकि जनता, व्यापार और राजनीतिक नेताओं से पर्याप्त समर्थन अभी भी गायब है जो पुरानी उत्पादन व विकास मॉडल से चिपके हुए हैं।
6 वें वैश्विक पर्यावरण आउटलुक के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण समिति द्वारा एकीकृत पर्यावरण आकलन
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण समिति द्वारा एकीकृत पर्यावरण मूल्यांकन की वैधता
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