इसका उद्देश्य अपने मिशनों के माध्यम से, जटिल समस्याओं को हल करने में सहयोग करना है।
सरकार द्वारा गठित एक उच्चस्तरीय सलाहकार पैनल ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग सहित नौ राष्ट्रीय मिशनों की पहचान की है, जिसका उद्देश्य भारत में सतत विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख वैज्ञानिक चुनौतियों से निपटना है। प्रधानमंत्री का विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद का उद्देश्य अपने मिशनों के माध्यम से, देश की जैव विविधता के संरक्षण व टिकाऊ कृषि प्रक्रियाओं को विकसित करने के उद्देश्य से जटिल समस्याओं को हल करने में सहयोग करना है, साथ ही व्यक्तिगत कल्याण के लिए दुरुस्त स्वास्थ्य का लाभ उठाना, अपशिष्ट वस्तुओं को विकसित कर धन प्राप्ति का साधन बनाना एवं कृत्रिम बुद्धि का उपयोग करना शामिल है। प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (PM – STIAC) विज्ञान में चुनौतियों का सामना करने और प्रौद्योगिकी और नवाचार के माध्यम से सामाजिक समस्याओं को समाधान के रूप में पहचान करता है। पीएसए के कार्यालय ने अक्टूबर 2018 से शुरू होने वाले इस पीएम-एसटीआईएसी की अभी तक चार बैठकें आयोजित की गयी हैं, जिसमे प्रमुख राष्ट्रीय मिशन पर चर्चा कार्यक्रम पीएसए के कार्यालय द्वारा संचालित किए जाते हैं। प्रत्येक मिशन का नेतृत्व एक मंत्रालय द्वारा किया जाएगा और इसमें अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय संस्थागत भागीदार, युवा वैज्ञानिक और उद्योग शामिल होते हैं।
PM-STIAC के नौ मिशन
इन महत्वपूर्ण रणनीतिक मिशनों के साथ, पीएसए के कार्यालय की अन्य प्रमुख परियोजनाओं में रिसर्च क्लस्टर, अर्थ म्यूजियम, ब्रह्मपुत्र रिवर सिस्टम और आई-एसटीईएम-इंडियन साइंस टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग फैसिलिटीज़ मैप शामिल हैं, जिससे भारत के लिए सतत विकास हो सकता है और इस ग्रह को संरक्षित रखा जा सकता है।
Pic courtesy:BW Education
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