एस्टोनिया की संसद ने समलैंगिक विवाह को वैध बनाने के लिये एक कानून को मंज़ूरी दे दी है और ऐसा करने वाला वह पहला मध्य यूरोपीय देश बन गया है।
यह कदम एस्टोनिया को क्षेत्र में उसके पड़ोसियों से अलग करता है, जहाँ समलैंगिक विवाह अवैध है। समलैंगिक जोड़ों के बीच विवाह 34 अन्य देशों में कानूनी रूप से किया जाता है और मान्यता प्राप्त है।
इन 34 में से 23 ने कानून के माध्यम से, 10 ने अदालती फैसलों के माध्यम से समलैंगिक जोड़ों को विवाह करने की अनुमति दी। नीदरलैंड वर्ष 2001 में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने वाला पहला देश था।
भारतीय कानून प्रणाली वर्तमान में समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देती है और देश के कानून विवाह को एक पुरुष और एक महिला के बीच मिलन के रूप में परिभाषित करते हैं।
हालाँकि नवंबर 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 के कुछ हिस्सों को हटाकर समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से हटा दिया।