भारत के प्रधानमंत्री ने भारत और मिस्र के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करने के लिये वर्ष 1997 के बाद पहली बार मिस्र का दौरा किया है।मिस्र की सरकार ने भारत के प्रधानमंत्री को देश के सर्वोच्च सम्मान- ऑर्डर ऑफ द नाइल से सम्मानित किया।वर्ष 1915 में स्थापित ‘ऑर्डर ऑफ द नाइल’ मिस्र अथवा मानवता के लिये अमूल्य सेवाएँ प्रदान करने वाले राष्ट्राध्यक्षों, राजकुमारों (Princes) और उपराष्ट्रपतियों को प्रदान किया जाता है।भारत और मिस्र के बीच रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किया जाना दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के लिये काफी महत्त्व रखता है।
इसके प्रमुख घटक इस प्रकार हैं
- राजनीतिक
- रक्षा और सुरक्षा
- आर्थिक जुड़ाव
- वैज्ञानिक और शैक्षणिक सहयोग
- सांस्कृतिक और जनसंपर्क
भारत-मिस्र संबंध
- विश्व की दो सबसे पुरानी सभ्यताओं, यथा- भारत और मिस्र के बीच संपर्क का इतिहास काफी पुराना है और इसका पता सम्राट अशोक के समय से लगाया जा सकता है।
- अशोक के अभिलेखों में टॉलेमी-द्वितीय के तहत मिस्र के साथ उसके संबंधों का उल्लेख है।
- आधुनिक काल में महात्मा गांधी और मिस्र के क्रांतिकारी साद जगलुल का साझा लक्ष्य ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करना था।
- 18 अगस्त, 1947 को राजदूत स्तर पर राजनयिक संबंधों की स्थापना की संयुक्त रूप से घोषणा की गई थी।
- वर्ष 1955 में भारत और मिस्र ने एक मित्रता संधि पर हस्ताक्षर किये। वर्ष 1961 में भारत और मिस्र ने यूगोस्लाविया, इंडोनेशिया एवं घाना के साथ गुटनिरपेक्ष आंदोलन (Non-Aligned Movement- NAM) की स्थापना की।
- वर्ष 2016 में भारत और मिस्र ने राजनीतिक-सुरक्षा सहयोग, आर्थिक जुड़ाव, वैज्ञानिक सहयोग तथा लोगों के बीच संबंधों के सिद्धांतों पर एक नए युग के लिये नई साझेदारी बनाने के अपने इरादे को रेखांकित करते हुए एक संयुक्त घोषणापत्र जारी किया।