जिनेवा रोगी करार दिया गया एक व्यक्ति ल्यूकेमिया के लिए स्टेम सेल का प्रत्यारोपण करने के बाद एचआईवी से पुर्णतः ठीक होने वाला छठा व्यक्ति बन गया ।पहले पांच लोगों को एचआईवी से ठीक होने की घोषणा की गई थी: बर्लिन, लंदन, डसेलडोर्फ, न्यूयॉर्क और सिटी ऑफ होप, कैलिफोर्निया के मरीज।
स्टेमसेल
- स्टेम कोशिका या मूल कोशिका (Stem Cell) ऐसी कोशिकाएं होती हैं, जिनमें शरीर के किसी भी अंग को कोशिका के रूप में विकसित करने की क्षमता मिलती है।
- इसके साथ ही ये अन्य किसी भी प्रकार की कोशिकाओं में बदल सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार इन कोशिकाओं को शरीर की किसी भी कोशिका की मरम्मत के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
आनुवंशिक उत्परिवर्तन
- जिनेवा यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स के अनुसार, आने वाले समय में एचआईवी से मुक्ति भी मिल सकेगी ।
- अब तक एचआईवी से मुक्ति पाने वाले सभी छह रोगियों को अपने कैंसर के इलाज के लिए स्टेम सेल प्रत्यारोपण किया गया ।
- पाँच मामलों में उपचार टीमों ने विशेष रूप से CCR5 डेल्टा 32 उत्परिवर्तन वाले दाताओं की तलाश की, जो एचआईवी रहित थे ।
- दरअसल एचआईवी सीडी4 प्रतिरक्षा कोशिकाओं पर हमला करके संक्रमित व्यक्तियों में प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर कर देता है।
- अतः इन कोशिकाओं में प्रवेश पाने के लिए इसे सतह पर रिसेप्टर्स की आवश्यकता होती है। जिन लोगों को माता-पिता के दोनों समूहों से CCR5 डेल्टा 32 उत्परिवर्तन उत्तराधिकार में मिलता है, वे इन रिसेप्टर्स का निर्माण नहीं करने देते हैं, जिससे रोगी बचा रहता है।
स्टेम सेल प्रत्यारोपण थेरेपी का उपयोग
- प्रत्यारोपण में एक दोहरी स्टेम सेल थेरेपी का उपयोग किया गया था। एक नवजात शिशु की गर्भनाल से स्टेम कोशिकाओं का उपयोग करके, एक वयस्क से स्टेम कोशिकाओं के साथ पूरक – जिसके लिए कम प्रतिबंधात्मक एचएलए मिलान की आवश्यकता होती है। इससे अन्य नस्ल के लोगों में भी ऐसे प्रत्यारोपण संभव हो सकेंगे।
क्या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से एचआईवी का इलाज संभव है
- इसकी संभावना कम है क्योंकि वर्तमान में 38.4 मिलियन लोग एचआईवी से पीड़ित हैं और उन सभी से मेल खाने वाला दाता ढूंढना लगभग असंभव है ।
- इसके अलावा, CCR5 डेल्टा 32 उत्परिवर्तन मुख्य रूप से कॉकेशियंस में होता है, जिसका अर्थ है कि उच्च घनत्व वाले देशों मुख्य रूप से अफ्रीका में रोगियों के लिए दाताओं को ढूंढना संभव नहीं होगा।
- इसके अलावा स्टेम सेल प्रत्यारोपण एक जटिल प्रक्रिया है और इसके जोखिम भी हैं ।
- प्रत्यारोपण के साथ भी, वायरस अन्य तंत्रों के माध्यम से कोशिकाओं को संक्रमित भी कर सकता है।
एचआईवी का वर्तमान इलाज
- आज विश्व में एचआईवी का इलाज एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी पर निर्भर है।
- एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी वायरस के द्विगुणन क्षमता को कम कर देती है फलतः सीडी4 प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संख्या पुनः बढ़ने लगती है।
- यह वायरस के स्तर को अप्रभावी कर देता है, जिससे एक व्यक्ति से व्यक्ति दूसरों में संक्रमण नहीं हो पता है।
- हालाँकि, एंटी-रेट्रोवायरल थेरेपी को जीवन भर लेने की आवश्यकता होती है। यह शरीर से वायरस को पूरी तरह से नष्ट नहीं करता है, जब भी उपचार बंद किया जाता है। तो वायरस की संख्या फिर से बढ़ जाती है ।