भारत सरकार की विभिन्न हरित ऊर्जा नीतियों के एकीकृत प्रभाव का आकलन करने के लिए एक संशोधित भारत ऊर्जा सुरक्षा परिदृश्य (आईईएसएस) 2047 (आईईएसएस 2047वी 3.0) नीति आयोग द्वारा जारी किया गया।
IESS 2047 V3.0 की विशेषता और कार्यप्रणाली
- व्यापक दायरा: यह हरित हाइड्रोजन मिशन, नवीकरणीय खरीद दायित्व, पीएम-कुसुम, अपतटीय पवन रणनीति जैसे वैकल्पिक ऊर्जा संसाधनों से संबंधित नीतियों पर विचार करते हुए देश में ऊर्जा की मांग और आपूर्ति का आकलन करता है।
- पर्यावरणीय प्रभाव विश्लेषण: IESS 2047 का लक्ष्य वर्ष 2047 तक उत्सर्जन, लागत, भूमि और जल की आवश्यकताओं का विश्लेषण करते हुए भारत को एक धारणीय तथा शुद्ध-शून्य ऊर्जा भविष्य की ओर अग्रसर करना है।
- ओपन-सोर्स और उपयोगकर्त्ता-अनुकूल: यह टूल ओपन-सोर्स, आसानी से डाउनलोड करने योग्य और उपयोगकर्त्ता-अनुकूल है, जो शोधकर्त्ताओं, थिंक टैंक तथा जनता तक पहुँच एवं जुड़ाव को प्रोत्साहित करता है।
- IESS 2047 उपयोकर्त्ताओं को उद्योग, सेवाओं, कृषि, जनसंख्या, शहरीकरण और अंतिम-उपयोग आधार पर अनुकूलित अनुप्रयोगों के विकल्प विकसित करने में सहायता करता है।
- बाहरी निर्भरता को कम करना: देश की ऊर्जा ज़रूरतों का विश्वसनीय अनुमान प्रदान करके IESS 2047 बाहरी एजेंसियों पर भारत की निर्भरता को कम करने में सहायता करता है।
भारत का पंचामृत लक्ष्य
- वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (GW) गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल करना।
- वर्ष 2030 तक भारत की 50% ऊर्जा आवश्यकता को नवीकरणीय ऊर्जा (RE) स्रोतों से पूरा करना।
- वर्ष 2030 तक अर्थव्यवस्था में कार्बन तीव्रता को वर्ष 2005 के स्तर से 45% कम करना।
- वर्ष 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन को 1 बिलियन टन तक कम करना।
- वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करना।