मणिपुर में हिंसा पर विपक्ष के जोरदार विरोध के बीच मंगलवार 25 जुलाई को लोकसभा ने जैव विविधता (संशोधन विधेयक), 2021 को ध्वनि मत से पारित कर दिया. यह विधेयक अन्य बातों के अलावा, जैव विविधता अपराधों को अपराध की श्रेणी से हटाकर जैविक विविधता अधिनियम, 2002 में बदलाव लाता है।
जैव विविधता अधिनियम, 2002 को वर्ष 1992 के जैव विविधता अभिसमय (Convention on Biological Diversity- CBD) के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं के जवाब में अधिनियमित किया गया था। CBD के अनुसार, देशों को अपने जैविक संसाधनों को नियंत्रित करने का पूरा अधिकार है और यह राष्ट्रीय कानून के आधार पर इन संसाधनों तक पहुँच को विनियमित करने के लिये एक मंच प्रदान करता है।
जैविक संसाधनों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिये यह अधिनियम एक त्रि-स्तरीय संरचना की स्थापना करता है
- राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण (National Biodiversity Authority- NBA)।
- राज्य स्तर पर राज्य जैव विविधता बोर्ड (State Biodiversity Boards- SBBs)।
- स्थानीय स्तर पर जैव विविधता प्रबंधन समितियाँ (Biodiversity Management Committees- BMC)।
दिसंबर 2021 में वर्ष 2002 के अधिनियम में संशोधन के लिये लोकसभा में जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया गया था।इन संशोधनों का उद्देश्य भारत में धारणीय जैव विविधता संरक्षण और उपयोग को बढ़ावा देते हुए इस अधिनियम को वर्तमान की मांगों और प्रगति के साथ संरेखित करना है।
जैविक विविधता (संशोधन) विधेयक, 2021 के प्रमुख प्रावधान:
प्रावधान | जैविक विविधता अधिनियम, 2002 | 2002 के अधिनियम में संशोधन |
जैविक संसाधनों तक पहुँच | अधिनियम के अनुसार, भारत में जैविक संसाधनों या संबंधित ज्ञान तक पहुँचने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति को पूर्वानुमति प्राप्त करने या नियामक प्राधिकरण को अपने इरादे के बारे में सूचित करने की आवश्यकता है। | विधेयक उन संस्थाओं और गतिविधियों के वर्गीकरण को संशोधित करता है जिनके लिये सूचना की आवश्यकता होती है, साथ ही कुछ मामलों में छूट भी प्रदान की जाती है। |
बौद्धिक संपदा अधिकार | बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) के संबंध में अधिनियम वर्तमान में भारत से जैविक संसाधनों से संबंधित IPR के लिये आवेदन करने से पहले NBA अनुमोदन की मांग करता है। | विधेयक सुझाव देता है कि IPR के वास्तविक अनुदान से पहले अनुमोदन की आवश्यकता होगी, आवेदन प्रक्रिया के दौरान नहीं। |
आयुष चिकित्सकों को छूट | यह पंजीकृत आयुष चिकित्सकों और संहिताबद्ध पारंपरिक ज्ञान तक पहुँच रखने वाले लोगों को कुछ उद्देश्यों के लिये जैविक संसाधनों तक पहुँच हेतु राज्य जैव विविधता बोर्डों को पूर्व सूचना देने से छूट देने का प्रयास करता है। | |
लाभ साझा करना | यह अधिनियम लाभ साझा करने का आदेश देता है जिसमें उन लोगों के साथ मौद्रिक और गैर-मौद्रिक लाभ साझा करना शामिल है जो जैव विविधता का संरक्षण करते हैं या इससे संबंधित पारंपरिक ज्ञान रखते हैं। NBA विभिन्न गतिविधियों के लिये मंज़ूरी देते समय लाभ साझा करने की शर्तें निर्धारित करता है। | यह विधेयक अनुसंधान, जैव-सर्वेक्षण और जैव-उपयोग द्वारा लाभ साझा करने की आवश्यकताओं की प्रयोज्यता को हटा देता है। |
आपराधिक दंड | यह अधिनियम विशिष्ट गतिविधियों के लिये अनुमोदन या सूचना प्राप्त न करने जैसे अपराधों हेतु कारावास सहित आपराधिक दंड लगाता है। | दूसरी ओर, यह विधेयक अपराधों को अपराध की श्रेणी से हटाता है तथा इसके बदले एक लाख से पचास लाख रुपए तक के ज़ुर्माने का प्रावधान करता है। |