मंगल. दिसम्बर 24th, 2024

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संसद में ‘नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) विधेयक’ पेश करने की मंजूरी दे दी है, जिससे विज्ञान और प्रौद्योगिकी में फंडिंग पर बहस प्रारंभ हो गई है।’राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020′ में NRF के स्थापना की सिफारिश की गई थी।NRF का उद्देश्य शोधकर्ताओं, विभिन्न सरकारी निकायों और निजी क्षेत्रों के बीच एक समन्वय एजेंसी के रूप में कार्य करना है, जिससे निजी क्षेत्रों को अनुसंधान की मुख्य धारा में लाया जा सके।व्यक्तियों को अनुसंधान अनुदान प्रदान करने के अलावा, NRF भारत के विश्वविद्यालयों, विशेष रूप से राज्य विश्वविद्यालयों में अनुसंधान को बढ़ावा देने, आधारभूत ढांचा  विकसित करने और अन्य सुविधा प्रदान करने की योजना बनाएगा।

NRF की फंडिंग कैसे होगी

  • NRF को पांच वर्षों के लिए ₹50,000 करोड़ का बजट प्रदान किया जाएगा , जिसमें 28% (₹14,000 करोड़) सरकार और 72% (₹36,000 करोड़) निजी क्षेत्र की भागीदारी होगी ।
  • NRF ड्राफ्ट में सरकार की हिस्सेदारी अंततः बढ़ाकर ₹20,000 करोड़ प्रति वर्ष करने का प्रस्ताव है।
  • सरकार द्वारा ₹4,000 करोड़ का प्रावधान मौजूदा ‘विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड’ के बजट से किया जाएगा, क्योंकि इसे NRF के तहत शामिल किया जा रहा है । इसलिए, सरकार ने NRF के लिए अगले पांच वर्षों में अतिरिक्त 10,000 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं।
  • हालाँकि, देश के सकल घरेलू व्यय  की क्षमता के अनुसार ‘अनुसंधान और विकास (GERD)’ पर यह वृद्धि बहुत कम लगती है।
  • यह व्यय अमेरिका और चीन जैसी अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की  तुलना में बहुत कम है (GERD के 2% से कम)।
  • अंतिम उपलब्ध आँकड़ों (2017-18) के अनुसार, भारत का GERD ₹1,13,825 करोड़ था।
  • भारत की जीडीपी अमेरिका और चीन की तुलना में क्रमशः 7.6 और 5.1 गुना कम थी, उसी अवधि के दौरान भारत का GERD इन दोनों देशों की तुलना में लगभग 24 गुना कम था और पिछले पांच वर्षों में यह अंतर और भी बढ़ गया है।
https://currenthunt.com/hi/2023/07/ima-urges-govt-to-instruct-nmc-to-reconsider-proposal-for-national-exit-test-2/

Login

error: Content is protected !!