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किसान संकट सूचकांक

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत एक संस्था, केंद्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान (सीआरआईडीए) ने एक प्रकार की प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली पर काम करना शुरू कर दिया, जिसे ‘किसान संकट सूचकांक’ कहा जाता है।इस तरह के सूचकांक को बनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य फसल हानि / विफलता और आय के झटके के रूप में कृषि संकट को कम करना है।सूचकांक इस संकट का अनुमान लगाने और केंद्रीय, राज्य, स्थानीय और गैर-सरकारी एजेंसियों सहित विभिन्न हितधारकों को पूर्व चेतावनी देकर कुछ किसानों से गांव या ब्लॉक स्तर तक इसके प्रसार को रोकने का प्रयास करेगा।

संकट की निगरानी के लिये पद्धति: इस सूचकांक के विकास में अनेक चरण शामिल हैं।

प्रतिक्रियाओं को सात संकेतकों के विरुद्ध मैप किया जाता है

सूचकांक की व्याख्या

महत्त्व

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