आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना (CPS) को गारंटीड पेंशन योजना (GPS) से बदलने की अपनी स्वीकृति की घोषणा की। इस कदम का उद्देश्य पेंशनरों को बढ़ी हुई वित्तीय सुरक्षा और लाभ प्रदान करना है।GPS के तहत, पेंशनभोगियों को अब पेंशन के रूप में उनके अंतिम आहरित वेतन का 50% प्राप्त होगा, जो CPS के तहत प्राप्त 20.3% की तुलना में काफी अधिक है। यह परिवर्तन सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों के कल्याण को प्राथमिकता देने और उनकी समर्पित सेवा को स्वीकार करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
कर्मचारियों की मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया
- शिक्षकों सहित सरकारी कर्मचारी लगातार पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने और CPS को बंद करने की मांग कर रहे थे।
- आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल का यह निर्णय उन मांगों की प्रतिक्रिया है, जो कर्मचारियों की चिंताओं और आकांक्षाओं को दूर करने की इच्छा का संकेत देता है।
CPS और GPS की तुलना
- CPS के तहत, 1 सितंबर, 2004 के बाद सेवा में शामिल होने वाले कर्मचारियों ने पेंशन के लिए अपने मूल वेतन का 10% योगदान दिया, जिसमें सरकार इतनी ही राशि का योगदान देती है।
- सेवानिवृत्ति के बाद, कर्मचारी पेंशन कोष का 60% निकालने में सक्षम थे, जबकि शेष 40% बाजार में उतार-चढ़ाव के अधीन वार्षिकी निवेश (annuity investment) होता था।
- इसके विपरीत, GPS के तहत, पेंशनरों को उनके मूल वेतन का 50% अंतिम आहरित वेतन में पेंशन के रूप में प्राप्त होगा, उसी 10% अंशदान दर के साथ।
- केंद्र सरकार द्वारा हर छह महीने में घोषित महंगाई राहत (DR) को जीपीएस पेंशनभोगियों तक बढ़ाया जाएगा, जिससे उनकी वित्तीय सुरक्षा और बढ़ेगी।