केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री ने लोकसभा में दिये एक लिखित जवाब में भू-क्षरण से निपटने एवं वनीकरण को बढ़ावा देने के लिये भारत द्वारा की गई महत्त्वपूर्ण पहलों पर प्रकाश डाला।नगर वन योजना (शहरी वन योजना) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक प्रगतिशील पहल है जिसका संचालन काफी तीव्र गति से हो रहा है एवं इसमें हुई प्रगति वाइब्रेंट शहरी हरित क्षेत्रों के निर्माण हेतु भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
नगर वन योजना (NVY)
- इस योजना की शुरुआत वर्ष 2020 में एक दूरदर्शी उद्देश्य के साथ की गई थी, इसके अंतर्गत नगर निगमों, नगर परिषदों, नगर पालिकाओं और शहरी स्थानीय निकायों वाले शहरों में 1000 नगर वनों (शहरी वन) का निर्माण कार्य शामिल है।
- यह महत्त्वाकांक्षी पहल न केवल शहरी निवासियों के लिये एक समग्र और स्वस्थ रहने योग्य वातावरण को बढ़ावा देने हेतु डिज़ाइन की गई है, बल्कि इसका उद्देश्य स्वच्छ, हरित तथा अधिक धारणीय शहरी केंद्रों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देना भी है।
मुख्य विशेषताएँ
- शहरी क्षेत्र में हरित सौन्दर्यपरक वातावरण का निर्माण करना।
- पादपों और जैव विविधता के विषय में जागरूकता बढ़ाना और पर्यावरण प्रबंधन सुनिश्चित करना।
- संबद्ध क्षेत्र की महत्त्वपूर्ण वनस्पतियों के यथास्थान संरक्षण की सुविधा प्रदान करना।
- प्रदूषण में कमी लाना, स्वच्छ वायु प्रदान करना, शोर-कोलाहल में कमी लाना, जल संचयन और ताप द्वीपों/हीट आइलैंड के प्रभाव को कम करके शहरों के पर्यावरण के सुधार में योगदान देना।
- शहरी निवासियों को स्वास्थ्य लाभ पहुँचाना तथा शहरों के जलवायु अनुकूलन में मदद करना।
योजना की प्रगति और प्रभाव
- इस योजना की शुरुआत के बाद से देश भर में 385 संबद्ध परियोजनाओं को मंज़ूरी देने में उल्लेखनीय प्रगति देखी गई है।
- यह शहरों को संपन्न, पर्यावरण के प्रति जागरूक समुदायों में बदलने के भारत के समर्पण को रेखांकित करती है।
भू-क्षरण से निपटने और वनीकरण को बढ़ावा देने के लिये की गई पहलें
वन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये सरकारी पहल
- इसका राष्ट्रीय लक्ष्य कुल भूमि क्षेत्र के न्यूनतम एक-तिहाई हिस्से में वन अथवा वृक्ष आवरण बनाए रखना है।
- इसका उद्देश्य पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखना, प्राकृतिक विरासत का संरक्षण करना तथा नदी, झील व जलाशय जलग्रहण क्षेत्रों में मृदा अपरदन को रोकना है।
हरित भारत के लिये राष्ट्रीय मिशन (Green India- GIM)
- यह जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (National Action Plan on Climate Change- NAPCC) के अंतर्गत आता है और इसका उद्देश्य वन एवं वृक्ष आवरण में वृद्धि करना, निम्नीकृत पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करना तथा जैव विविधता को बढ़ाना है।
वनाग्नि सुरक्षा एवं प्रबंधन योजना
- यह योजना वनाग्नि को रोकने और प्रबंधित करने, वनों के समग्र स्वास्थ्य में योगदान देने पर केंद्रित है।
प्रतिपूरक वनीकरण निधि (Compensatory Afforestation Fund- CAF)
- सरकारें कई प्रयोजनों से वन भूमि को गैर-वन उद्देश्यों के लिये आवंटित करती हैं, ऐसे में इससे प्राप्त धन का उपयोग वनीकरण और पुनर्वनीकरण परियोजनाओं के माध्यम से वन आवरण में वृद्धि करने हेतु किया जाता है।
- इसका उपयोग राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा विकासात्मक परियोजनाओं के लिये प्रदान की गई वन भूमि के बदले प्रतिपूरक वनीकरण हेतु किया जाता है।
- प्रतिपूरक वनीकरण निधि का 90% और 10% हिस्सा क्रमशः राज्यों एवं केंद्र में वितरित किया जाता है।