शुक्र. अप्रैल 25th, 2025 3:50:25 PM

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने कॉर्पोरेट ऋण बाजार विकास कोष (CDMDF) की स्थापना की घोषणा की। सेबी द्वारा विनियमित इस फंड को ‘बैकस्टॉप सुविधा’ के रूप में कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो निवेश-ग्रेड कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों को खरीदकर तनावग्रस्त बाजार स्थितियों के दौरान सहायता प्रदान करता है। कॉरपोरेट ऋण गारंटी योजना (GSCD) का उद्देश्य सीडीएमडीएफ द्वारा उठाए गए या उठाए जाने वाले ऋण के खिलाफ गारंटी कवर की पेशकश करना है, जिससे अव्यवस्था के समय बाजार में स्थिरता आती है।

कॉर्पोरेट ऋण के लिये गारंटी योजना (GSCD)

  • कॉर्पोरेट ऋण के लिये गारंटी योजना, कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार विकास निधि द्वारा उठाए गए ऋण के लिये पूर्ण गारंटी कवर प्रदान करता है।
  • GSCD का प्राथमिक उद्देश्य निवेशकों का विश्वास बढ़ाना और कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार को स्थिरता प्रदान करना है।
  • GSCD का प्रबंधन कॉर्पोरेट ऋण के लिये गारंटी फंड (GFCD) द्वारा किया जाता है।
  • GFCD आर्थिक मामलों के विभाग (Department of Economic Affairs- DEA) द्वारा गठित और नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रबंधित एक ट्रस्ट फंड है, जो वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।
  • इस योजना को बाज़ार अव्यवस्था के दौरान CDMDF द्वारा निवेश-श्रेणी की कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों के क्रय करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • निवेश-श्रेणी की कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियाँ उन कंपनियों द्वारा जारी किये गए बाॅण्ड या नोट होते हैं जिनमें डिफ़ॉल्ट/कमी पाए जाने का जोखिम कम होता है और क्रेडिट रेटिंग भी अच्छी होती है।
  • GSCD द्वारा प्रदान किया गया गारंटी कवर यह सुनिश्चित करता है कि निवेशक, निवेश-श्रेणी की कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों से संबंधित संभावित जोखिमों से सुरक्षित हैं।
  • CDMDF द्वितीयक बाज़ार की तरलता/चलनिधि को बढ़ाता है जो GSCD के अंतर्गत सुनिश्चित प्रतिभूतियों को क्रय करने और कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार की समग्र स्थिरता का समर्थन करता है।

कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार विकास निधि (CDMDF)

  • CDMDF भारत में कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार की आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु स्थापित एक वैकल्पिक निवेश निधि है, इसे एक क्लोज़-एंडेड योजना के रूप में लॉन्च किया जाएगा।
  • CDMDF, निवेश-श्रेणी की कॉर्पोरेट ऋण प्रतिभूतियों के लिये बैकस्टॉप सुविधा के रूप में कार्य करता है, जो स्थिरता प्रदान करने के साथ-साथ बाज़ार में निवेश के लिये निवेशकों का विश्वास बढ़ाता है।
  • CDMDF म्यूचुअल फंड के लिये 33,000 करोड़ रुपए की बैकस्टॉप सुविधा प्रदान करता है। इसमें सरकार 30,000 करोड़ रुपए का योगदान देने के साथ-साथ परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों को बकाया 3,000 करोड़ रुपए प्रदान करेंगी।
  • CDMDF का उद्देश्य एक स्थायी संस्थागत संरचना का निर्माण कर द्वितीयक बाज़ार की तरलता/चलनिधि को बढ़ाना है, जिसे बाज़ार में बढ़ने वाले दबाव (Market Stress) की अवधि के दौरान सक्रिय किया जा सकता है।
  • यह फंड बाज़ार की अव्यवस्था के समय निवेशकों के लिये सुरक्षा जाल के रूप में कार्य करता है, कॉर्पोरेट ऋण बाज़ार को समर्थन एवं स्थिरता प्रदान करता है।

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