रवि. मार्च 30th, 2025 10:35:54 PM

भारत, आँत संबंधी लीशमैनियासिस, जिसे आमतौर पर काला अज़ार/कालाज़ार  के नाम से जाना जाता है, उसको खत्म करने की कगार पर है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इसके मामलों और मौतों में उल्लेखनीय गिरावट के साथ देश विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित उन्मूलन लक्ष्य को पूरा करने के करीब पहुँच गया है।भारत का पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश, सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में काला अज़ार को खत्म करने के लिये WHO द्वारा मान्यता प्राप्त पहला देश था।

काला अज़ार

  • विसेरल लीशमैनियासिस को आमतौर पर काला अज़ार के रूप में जाना जाता है, यह एक धीमी गति से बढ़ने वाली स्वदेशी बीमारी है जो जीनस लीशमैनिया के प्रोटोजोआ परजीवी के कारण होती है।
  • इसे काला ज्वर या दमदम ज्वर भी कहते हैं।
  • भारत में लीशमैनिया डोनोवानी इस बीमारी को फैलाने वाला एकमात्र परजीवी है।

संचरण और लक्षण

  • यह मक्खियों द्वारा फैलता है। जीनस फ्लेबोटोमस अर्जेंटाइप्स की सैंडफ्लाई भारत में काला अज़ार की एकमात्र ज्ञात वाहक है।
  • इसमें बुखार, वजन में कमी, प्लीहा और यकृत का बढ़ना आदि लक्षण देखे जाते हैं। यदि इसका उपचार न किया जाए तो 95% मामलों में यह घातक हो सकता है।

भारत में दर्ज मामले

  • वर्ष 2023 में भारत में इसके 530 मामलों के साथ चार मौतें दर्ज की गईं, जो पिछले वर्षों की तुलना में कम है।
  • इसके अतिरिक्त पोस्ट-काला अज़ार डर्मल लीशमैनियासिस (PKDL) के 286 मामले थे।

पोस्ट-काला अज़ार त्वचीय लीशमैनियासिस

  • यह स्थिति तब उत्पन्न होती है, जब लीशमैनिया डोनोवानी त्वचा कोशिकाओं के भीतर घुसपैठ कर पनपता है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा पर घाव बन जाते हैं।
  • कालाज़ार के कुछ मामलों में PKDL उपचार के बाद उभरता/पनपता है किंतु अब यह माना जाता है कि PKDL आँत के चरण से गुज़रे बिना भी हो सकता है। हालाँकि PKDL कैसे विकसित होता है यह समझने के लिये अधिक डेटा की आवश्यकता है।
  • आँत का चरण आँत के लीशमैनियासिस (काला-अज़ार) के प्रारंभिक चरण को संदर्भित करता है, जहाँ परजीवी आंतरिक अंगों को प्रभावित करता है।

उपचार

  • भारत में कालाज़ार के प्राथमिक उपचार में लिपोसोमल एम्फोटेरिसिन B इंजेक्शन देना शामिल है।
  • PKDL के मानक उपचार में 12 सप्ताह तक ओरल मिल्टेफोसिन शामिल होता है, जिसमें रोगी की आयु तथा वजन के आधार पर खुराक को समायोजित किया जाता है।
  • भारत में रोकथाम हेतु रणनीतियाँ:
  • प्रभावी छिड़काव: सैंडफ्लाई प्रजनन तथा बीमारी के प्रसार को रोकने के लिये इनडोर अवशिष्ट छिड़काव (Indoor Residual Spraying) का प्रयोग करना।
  • दीवार पलस्तर (Wall Plastering): सैंडफ्लाई प्रजनन क्षेत्रों में कमी लाने के लिये दीवार पर पलस्तर के लिये जेरार्ड मिट्टी का उपयोग करना।
  • उपचार अनुपालन: आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता) नेटवर्क के माध्यम से PKDL उपचार सुनिश्चित करना।

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