मादक पदार्थ और अपराध संबंधी संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (यूएनओडीसी) ने अपने दक्षिण-पूर्व एशिया अफीम सर्वेक्षण, 2023 में स्पष्ट किया कि म्यांमार अफीम उत्पादन में विश्व का शीर्ष देश बन गया।म्यांमार (गोल्डन ट्रैंगल का हिस्सा) अफगानिस्तान को पीछे छोड़कर विश्व का शीर्ष अफीम उत्पादक देश बन गया। तालिबान के शासन में आने के बाद अफगानिस्तान में अफीम के उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। तालिबानी प्रतिबंध के कारण अफीम की खेती में 95 फीसद की गिरावट आई है।
अफीम
- इसका वैज्ञानिक नाम lachryma papaveris है।
- इसके पौधे पैपेवर सोमनिफेरम के latex को सूखा कर इसे बनाया जाता है।
- इसके सेवन से मादकता आती है।
- इसमें 12 प्रतिशत तक मार्फीन पाई जाती है
- इसे प्रसंस्कृत करके हेरोइन नामक मादक द्रव्य (ड्रग) तैयार किया जाता है।
म्यांमार में अफीम की खेती
- रिपोर्ट के अनुसार, 2022 से 2023 के बीच म्यांमार में अफीम की खेती का क्षेत्रफल 18 फीसद बढ़कर 47,100 हेक्टेयर (1,16,400 एकड़) हो गया।
- आंकड़ों के अनुसार अफीम की अनुमानित उपज 16 फीसद बढ़कर 22.9 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो गई है, जो 2022 के पिछले उत्पादन से अधिक है।
- अफीम का यह उत्पादन 20 साल में सबसे ज्यादा है।
- यहाँ अफीम का कुल कारोबार 1 अरब डॉलर से बढ़कर अब 2.4 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
- ये देश की जीडीपी का 4.1 प्रतिशत है।
‘स्वर्णिम त्रिभुज’ या ‘गोल्डेन ट्रैंगल
- म्यांमार, लाओस और थाइलैंड की सीमा के इलाके को कहा जाता है।
- इस पूरे क्षेत्र को लंबे समय से ड्रग्स के अवैध उत्पादन और तस्करी के लिए जाना जाता है।
म्यांमार में अफीम उत्पादन में वृद्धि के कारण
- म्यांमार में साल 2021 में सेना के सत्ता पर कब्जा करने के बाद देश की अर्थव्यवस्था संघर्ष और अस्थिरता से जूझ रही है।
- किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए बाजार की अनुपलब्धता
- बढ़ती महंगाई ने भी किसानों को और ज्यादा अफीम की ओर खींचा है
- अफीम की खेती पूरी सुविधा के साथ खेती हो रही है। यहाँ तक कि किसान फर्टिलाइजर का इस्तेमाल उत्पादन को बढ़ाने के लिए कर रहे हैं।
‘स्वर्णिम अर्द्धचंद्र’ क्षेत्र
- स्वर्णिम अर्द्धचंद्र क्षेत्र में अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान शामिल हैं।
- यह भी अफीम के उत्पादन और उसके वितरण के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है।
- स्वर्णिम अर्द्धचंद्र क्षेत्र भारत के पश्चिम में स्थित है।