भारत के विदेश मंत्री ने द्विपक्षीय बैठक के लिये रूस का दौरा किया जहाँ दोनों देशों ने परमाणु ऊर्जा व दवाओं, फार्मास्युटिकल पदार्थों व चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्रों में समझौतों पर हस्ताक्षर किये।
भारत-रूस द्विपक्षीय बैठक के प्रमुख बिंदु
आर्थिक सहयोग
- रक्षा, अंतरिक्ष अन्वेषण, परमाणु ऊर्जा और प्रौद्योगिकी साझाकरण में रणनीतिक सहयोग पर ज़ोर, लंबे समय से चली आ रही साझेदारी की दृढ़ता को दर्शाता है तथा गहरे सहयोग के रास्ते तलाशता है।
- दोनों देश भारतीय बाज़ार में रूसी हाइड्रोकार्बन के निर्यात के विस्तार के साथ-साथ परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग पर सहमत हुए।
- दोनों पक्षों ने सुदूर पूर्व में सहयोग के कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया और EaEU-India FTA वार्ता की शीघ्र बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर समझौता
- भारत और रूस ने तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना की भविष्य की इकाइयों को आगे बढ़ाने के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- भारत पहले से ही दो रूस निर्मित परमाणु संयंत्रों का संचालन कर रहा है जबकि अन्य चार तमिलनाडु के कुडनकुलम में निर्माणाधीन हैं।
- भारत का सबसे बड़ा कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र रूस की तकनीकी सहायता से तमिलनाडु में बनाया जा रहा है। निर्माण मार्च 2002 में शुरू हुआ। फरवरी 2016 से, कुडनकुलम NPP की पहली ऊर्जा इकाई 1,000 मेगावाट की अपनी डिज़ाइन क्षमता पर लगातार काम कर रही है।
- रूसी मीडिया के अनुसार संयंत्र के वर्ष 2027, में पूरी क्षमता से काम शुरू करने की उम्मीद है।
कूटनीतिक पहल
- बहुपक्षीय मंचों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों पर चर्चा जहाँ भारत तथा रूस ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एवं संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों सहित सहयोग करते हैं या साझा हित रखते हैं।
भारत-रूस संबंधों का इतिहास
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- शीत युद्ध के दौरान, भारत और सोवियत संघ के बीच मज़बूत रणनीतिक, सैन्य, आर्थिक और राजनीतिक संबंध थे। सोवियत संघ के विघटन के बाद, रूस को भारत के साथ घनिष्ठ संबंध विरासत में मिले, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों ने एक विशेष रणनीतिक संबंध साझा किया।
- हालाँकि, कोविड के बाद के परिदृश्य में, खासकर पिछले कुछ वर्षों में संबंधों में भारी गिरावट आई है। इसका सबसे बड़ा कारण रूस के चीन और पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ संबंध हैं, जिसने पिछले कुछ वर्षों में भारत के लिये कई भू-राजनीतिक मुद्दे उत्पन्न किये हैं।
राजनीतिक संबंध
- दो अंतर-सरकारी आयोग– एक व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर (IRIGC-TEC) तथा दूसरा सैन्य-तकनीकी सहयोग पर (RIGC- MTC), हर साल मिलते हैं।
द्विपक्षीय व्यापार
- रूस के साथ भारत का कुल द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2021-22 में 13 बिलियन डॉलर और वर्ष 2020-21 में 8.14 बिलियन डॉलर रहा।
- रूस भारत का सातवाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जो वर्ष 2021 में 25वें स्थान पर था।
- वर्ष 2022-23 के पहले पाँच महीनों के दौरान-भारत के साथ सबसे अधिक व्यापार मात्रा वाले छह देश अमेरिका, चीन, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इराक और इंडोनेशिया थे।