- वृक्षारोपण में भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा ‘वन मित्र’ योजना शुरू की गई।
- 15 फरवरी को, गैर-वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण गतिविधियों में सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा ‘वन मित्र’ योजना और इसका पोर्टल लॉन्च किया गया।
- 1.80 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों के सदस्य ‘वन मित्र’ बनने के लिए पंजीकरण करा सकते हैं।
- योजना का उद्देश्य राज्य भर में वन क्षेत्रों को बढ़ाने, वनीकरण की उत्तरजीविता दर में वृद्धि सुनिश्चित करने और गैर-वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने में स्थानीय जनता को सीधे शामिल करना है।
- प्रत्येक वन मित्र को पौधों के रखरखाव के आधार पर प्रोत्साहन मिलेगा और वह अधिकतम 1,000 पौधे लगा सकता है।
- 18 से 60 वर्ष की आयु के बीच का कोई भी व्यक्ति वन मित्र बन सकता है।
- योजना के प्रथम चरण में पोर्टल के माध्यम से 7500 वन मित्रों का चयन किया जायेगा। एक वन मित्र अपने गाँव, कस्बे या शहर में वृक्षारोपण के लिए गैर-वन भूमि का चयन कर सकता है।
- यदि रोपा गया पेड़ वन मित्र की अपनी जमीन पर उगता है, तो उन्हें पेड़ का मालिक माना जाएगा।
- प्रथम वर्ष में वन मित्रों का पंजीकरण कर उन्हें प्रशिक्षित किया जायेगा तथा उनसे योजना के तहत वृक्षारोपण कराया जायेगा।
- पहले साल में वन मित्रों को जियो टैगिंग और गड्ढे की फोटो मोबाइल एप पर अपलोड करने पर प्रत्येक गड्ढा खोदने पर 20 रुपये मिलेंगे।
- जियो टैगिंग के बाद वन मित्रों को प्रत्येक रोपे गए पौधे के लिए 30 रुपये मिलेंगे।
- रोपे गए पेड़ों के रख-रखाव और सुरक्षा के लिए उन्हें प्रति जीवित पौधा 10 रुपये मिलेंगे।
- दूसरे वर्ष में वन मित्रों को हर महीने प्रति जीवित पौधा 8 रुपये मिलेंगे।
- तीसरे साल में उन्हें हर महीने प्रति जीवित पौधा 5 रुपये और चौथे साल में प्रति जीवित पौधा 3 रुपये मिलेंगे।
- योजना के तहत यदि वन मित्र काम जारी नहीं रखना चाहते तो वन विभाग पेड़ों को अपने कब्जे में ले लेगा।
