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भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 पर लगे पेलोड के उन्नत सेंसरों ने कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के प्रभाव का पता लगाया

भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 पर लगे पेलोड के उन्नत सेंसरों ने कोरोनल मास इजेक्शन (CME) के प्रभाव का पता लगाया है।इसरो के अनुसार, 15 दिसंबर, 2023 को कोरोनल मास इजेक्शन (CME), एक एकल घटना थी। इस अवधि के दौरान PAPA अवलोकनों ने कुल इलेक्ट्रॉन और आयन गणना में अचानक वृद्धि देखी गई।

प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य (PAPA) 

इसमें दो सेंसर हैं

  1. सौर पवन इलेक्ट्रॉन ऊर्जा जांच (SWEEP, 10 eV से 3 keV की ऊर्जा सीमा में इलेक्ट्रॉनों को मापता है)
  2. सौर पवन आयन संरचना विश्लेषक (SWICAR, 10 eV से 25 keV की ऊर्जा सीमा में आयनों को और 1-60 एएमयू की द्रव्यमान सीमा को मापता है) शामिल है।

PAPA द्वारा इकट्ठा किए गए डेटा से कोरोनल मास इजेक्शन (CME) से 15 दिसंबर, 2023 और 10-11 फरवरी, 2024 के दौरान हुई घटनाओं की घटना का पता चला है।PAPA पेलोड को विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC)/ISRO की अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला और एवियोनिक्स इकाई द्वारा विकसित किया गया है।PAPA पेलोड द्वारा दी गई जानकारियां अंतरिक्ष मौसम की स्थिति की निगरानी में इसकी प्रभावशीलता और सौर घटनाओं का पता लगाने और विश्लेषण करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

आदित्य-L 1

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