रवि. अप्रैल 6th, 2025 3:35:37 AM

नमूनों में संभावित खतरनाक रंग एजेंटों की उपस्थिति की पुष्टि होने के बाद हिमाचल प्रदेश ने कॉटन कैंडी या कैंडी फ्लॉस के उत्पादन, बिक्री और भंडारण पर एक साल का प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध कर्नाटक, तमिलनाडु और गोवा जैसे राज्यों की तर्ज पर है, जिन्होंने हानिकारक रंग एजेंटों पर समान प्रतिबंध लागू किए हैं। यह प्रतिबंध कर्नाटक, तमिलनाडु और गोवा जैसे राज्यों की तर्ज़ पर है, जिन्होंने हानिकारक रंजक एजेंटों पर समान प्रतिबंध लागू किये हैं।इन कृत्रिम रंगों से युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से कैंसर सहित दीर्घकालिक स्वास्थ्य ज़ोखिम उत्पन्न हो सकता है।

कॉटन कैंडी

  • कॉटन कैंडी, जिसे कुछ क्षेत्रों में कैंडी फ्लॉस या फेयरी फ्लॉस के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार की स्पन शुगर कन्फेक्शनरी है जो आमतौर पर कार्निवल, मेलों और मनोरंजन पार्कों में बेची जाती है।
  • इसे चीनी को गर्म करके और द्रवीभूत करके बनाया जाता है तथा फिर इसे छोटे छिद्रों के माध्यम से घुमाया जाता है, जहाँ यह लंबे तंतुओं के रूप में ठंडा होकर, फिर से जमता चला जाता है।
  • इन तंतुओं को एक शंकु या छड़ी पर एकत्रित किया जाता है, जिससे एक फूली हुई, कपास/रूई के फाहे जैसी संरचना बनती है।

रोडामाइन B

  • रोडामाइन B एक रंजक एजेंट है जिसका उपयोग आमतौर पर वस्त्र, कागज़ और चमड़ा उद्योगों में किया जाता है। यह कलरेंट/रंजक एजेंट कम लागत का होता है और कभी-कभी इसका प्रयोग लोकप्रिय स्ट्रीट फूड आइटम जैसे कि गोभी मंचूरियन तथा कॉटन कैंडी को चटक रंग देने के लिये किया जाता है।
  • यह रंजक एजेंट उपभोग के लिये उपयुक्त नहीं है क्योंकि इससे तीव्र विषाक्तता हो सकती है। इस रसायन के संपर्क में आने से आँख को भी नुकसान हो सकता है और श्वास नली में जलन हो सकती है।
  • जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कैंसर कारक एजेंटों की एक सूची तैयार की गई है, जिसके अनुसार इसे मनुष्यों के लिये कैंसरकारी के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है, किंतु चूहों पर कुछ अध्ययन हुए हैं जिन्होंने इसके कैंसरजन्य प्रभाव को दर्शाया है।

खाद्य उत्पादों में उपयोग

  • इसे आमतौर पर खाद्य उत्पादों में नहीं मिलाया जाता है, रोडामाइन B के मामले अमूमन छोटे शहरों में सड़क के किनारे खड़े होने वाले छोटे विक्रेताओं से संबंधित होते हैं।
  • इसका कारण खाद्य पदार्थों में स्वीकार्य रंगों के संबंध में ज्ञान का अभाव है। छोटे विक्रेताओं को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि यह डाई/रंग हानिकारक हो सकता है क्योंकि इसका प्रभाव हमेशा उपभोग के तुरंत बाद महसूस नहीं होता है।
  • इसका उपयोग प्रायः “अवैध रूप से” गोभी मंचूरियन, आलू वेज, बटर चिकन, अनार के जूस, छोटे पैमाने पर उत्पादित आइसक्रीम अथवा कॉटन कैंडी जैसे खाद्य उत्पाद में किया जाता है।

वैधानिकता

  • भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India- FSSAI) ने खाद्य उत्पादों में रोडामाइन B के उपयोग पर विशेष रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।
  • भोजन की तैयारी, प्रसंस्करण एवं वितरण में इस रसायन का किसी भी प्रकार उपयोग करना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत दंडनीय है।

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण

  • FSSAI, वर्ष 2006 के खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत स्थापित एक स्वायत्त वैधानिक निकाय है।
  • वर्ष 2006 का अधिनियम, भोजन से संबंधित विभिन्न कानूनों को समेकित करता है, जैसे कि खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954, फल उत्पाद आदेश, 1955, मांस खाद्य उत्पाद आदेश, 1973, के साथ-साथ अन्य अधिनियम, जिनकी निगरानी पहले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा की जाती थी।
  • इस अधिनियम का उद्देश्य बहु-स्तरीय, बहु-विभागीय नियंत्रण से एकल कमांड लाइन की ओर बढ़ते हुए, खाद्य सुरक्षा एवं मानकों से संबंधित सभी मामलों के लिये एक एकल संदर्भ बिंदु स्थापित करना है।
  • FSSAI, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंर्तगत कार्य करते हुए, भारत में खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता को विनिमयन के साथ पर्यवेक्षण करके सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा और बढ़ावा देने के लिये भी ज़िम्मेदार है।
  • FSSAI का मुख्यालय नई दिल्ली में है और साथ ही देश भर में आठ क्षेत्रों में इसके क्षेत्रीय कार्यालय भी हैं।
  • FSSAI के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। इसका अध्यक्ष भारत सरकार के सचिव के पद के सामान पद पर आसीन व्यक्ति होता है।

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