शुक्र. मार्च 21st, 2025

स्विट्जरलैंड के गैर-लाभकारी समूह ईए अर्थ एक्शन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया के शीर्ष बारह ऐसे देशों में से एक है जो पृथ्वी के 60 प्रतिशत कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरे के लिए जिम्मेदार है। प्लास्टिक ओवरशूट डे रिपोर्ट 12 अप्रैल 2024 को ईए अर्थ एक्शन द्वारा जारी की गई थी।कुप्रबंधित अपशिष्ट सूचकांक में इरीट्रिया शीर्ष पर है जबकि बरमूडा सबसे नीचे है। सूचकांक में देश की रैंक जितनी ऊंची रैंक होगी उस  देश में प्लास्टिक अपशिष्ट कुप्रबंधन उतना ही अधिक होगा।कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरा उस प्लास्टिक कचरे को संदर्भित करता है जिसे ठीक से पुनर्नवीनीकरण नहीं किया जाता है, जलाया नहीं जाता है या सीलबंद लैंडफिल में नहीं रखा जाता है। इसे मुख्य रूप से खुले में फेंक दिया जाता है जिससे मिट्टी, भूमि, पानी या हवा प्रदूषित होती है।

प्लास्टिक ओवरशूट दिवस

  • प्लास्टिक ओवरशूट दिवस उस अपेक्षित दिन को संदर्भित करता है जब उत्पन्न प्लास्टिक कचरे की मात्रा कचरा प्रबंधन प्रणाली द्वारा प्रबंधित की जा सकने वाली मात्रा से अधिक होगी।
  • रिपोर्ट के मुताबिक इस साल 5 सितंबर 2024 तक दुनिया में प्लास्टिक कचरा प्रबंधन से ज़्यादा प्लास्टिक कचरे उत्पन्न होने की संभावना है।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया की लगभग आधी आबादी अप्रैल 2024 तक उन क्षेत्रों में रह रही होगी जहां प्लास्टिक कचरा पहले से ही इसे प्रबंधित करने की क्षमता से अधिक हो गया है।
  • भारत के 23 अप्रैल को प्लास्टिक ओवरशूट दिवस पर पहुंचने की उम्मीद है

प्लास्टिक ओवरशूट दिवस रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं

  • रिपोर्ट के अनुसार बारह देश; चीन, भारत, रूस, ब्राजील, मैक्सिको, वियतनाम, ईरान, इंडोनेशिया, मिस्र, पाकिस्तान, संयुक्त राज्य अमेरिका और तुर्की दुनिया के 60 प्रतिशत कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरे के लिए जिम्मेदार हैं।
  • बेल्जियम दुनिया में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक कचरे का शीर्ष उत्पादक देश है, जहां प्रति व्यक्ति वार्षिक अपशिष्ट उत्पादन 147.7 किलोग्राम है।
  • प्रति व्यक्ति सबसे अधिक कुप्रबंधन वाले प्लास्टिक कचरे वाले देशों की सूची में ओमान शीर्ष पर है। 2024 में ओमान का प्रति व्यक्ति कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरा 111 किलोग्राम होने की उम्मीद है।
  • 2021 के बाद से वैश्विक प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन में 7.11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
  • 2040 तक दुनिया में प्लास्टिक का उत्पादन दोगुना होने की उम्मीद है और प्लास्टिक प्रदूषण तीन गुना होने की उम्मीद है।
  • इस वर्ष वैश्विक प्लास्टिक कचरा उत्पादन 220 मिलियन टन होने की उम्मीद है, जिसमें से 70 मिलियन टन कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरा होगा, जो पर्यावरण को प्रदूषित करेगा। 

भारत पर रिपोर्ट

प्लास्टिक ओवरशूट डे की रिपोर्ट के मुताबिक

  • भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन दुनिया में सबसे कम है। भारत में प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पादन 8 किलोग्राम है ।
  • 2024 में भारत का अनुमानित कुप्रबंधित कचरा 7.4 मिलियन टन होगा, जो “बहुत अधिक” है।
  • रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत में कुप्रबंधित प्लास्टिक कचरा चीन के पांचवें हिस्से और अमेरिका के एक तिहाई से भी कम होगा।
  • रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारत में इस साल औसतन 3,91,879 टन माइक्रोप्लास्टिक पर्यावरण में और 31,483 टन रासायनिक योजक जलमार्गों में छोड़े जाने का अनुमान है।

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