शनि. दिसम्बर 21st, 2024
  • एक दुर्लभ और लुप्तप्राय वृक्ष प्रजाति, उनियाला मल्टीब्रैक्टेटा (स्थानीय रूप से कट्टुपुवमकुरुन्निला के रूप में जाना जाता है), उसको 140 वर्षों के अंतराल के बाद फिर से खोजा गया है।
  • कट्टुपुवमकुरुन्निला वागामोन, मेमाला और एलाप्पारा क्षेत्रों में स्थानिक है।
  • इस प्रजाति को मूल रूप से 1880 में आर.एच. बेडडोम द्वारा पीरुमाडे से खोजा गया था।
  • इसकी ऊँचाई लगभग 2 से 5 मीटर होती है और इसके पत्ते रूई जैसे बालों से ढके होते हैं।
  • यह समुद्र तल से 1,200 मीटर ऊपर सदाबहार जंगलों और चट्टानी घास के मैदानों में पाया जाता है।
  • वागामोन में इस दुर्लभ प्रजाति की उपस्थिति पश्चिमी घाट में संरक्षित क्षेत्र के बाहर समृद्ध जैव विविधता की उपस्थिति को दर्शाती है।
  • यह पश्चिमी घाट में गैर-संरक्षित वनों में संरक्षण के महत्व को दर्शाता है।
  • कट्टुपुवमकुरुन्निला की पुनः खोज को वाइल्डलाइफ़ इंफॉर्मेशन लाइजन डेवलपमेंट सोसाइटी जर्नल, जर्नल ऑफ़ थ्रेटेंड टैक्सा के हालिया अंक में प्रकाशित किया गया है।

Login

error: Content is protected !!