शनि. सितम्बर 28th, 2024

विश्व स्वास्थ्य सभा के 77वें सत्र से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2024 की उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों पर अपनी वैश्विक रिपोर्ट जारी की।यह रिपोर्ट उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों के लिये रोडमैप 2021-2030 के कार्यान्वयन की दिशा में वर्ष 2023 में हुई प्रगति का विवरण प्रदान करती है।

WHO की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

वैश्विक

वर्ष 2023 की स्थिति

  • दिसंबर 2023 तक कुल 50 देशों ने कम-से-कम एक NTD का सफलतापूर्वक उन्मूलन कर दिया है, जो 100 देशों द्वारा वर्ष 2030 के लिये निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति में आधा रास्ता तय करने के समान है।
  • WHO द्वारा 5 देशों को एक NTD के उन्मूलन हेतु और 1 देश को दो NTDs के उन्मूलन हेतु मान्यता दी गई थी।
  • जुलाई 2023 में इराक कम-से-कम एक NTD का उन्मूलन करने वाला 50वाँ देश बना।
  • नोमा को वर्ष 2023 में NTDs की सूची में शामिल किया गया था।
  • अक्तूबर 2023 में बांग्लादेश सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में आंत्र संबंधी लीशमैनियासिस (Leishmaniasis) के उन्मूलन हेतु WHO से मान्यता प्राप्त करने वाला पहला देश बना।

वर्ष 2022 की स्थिति

  • वर्ष 2022 में 1.62 बिलियन लोगों को उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों (NTDs) के लिये उपचार की आवश्यकता थी, जो वर्ष 2010 की तुलना में 26% की कमी को दर्शाता है, लेकिन वर्ष 2030 तक 90% की कमी के रोडमैप के वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये अभी भी समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है।
  • वर्ष 2022 में लगभग 848 मिलियन लोगों ने निवारक कीमोथेरेपी चिकित्सा के माध्यम से कम-से-कम एक NTD का उपचार प्राप्त किया, जो वर्ष 2021 की तुलना में 49 मिलियन कम लेकिन वर्ष 2020 की तुलना में 50 मिलियन अधिक है।
  • वर्ष 2022 के अंत तक वेक्टर-जनित NTDs के कारण दर्ज की गई मौतों की संख्या में 22% की वृद्धि हुई है (वर्ष 2016 की तुलना में)।

भारत

  • भारत को ड्रैकनकुलायसिस (गिनी-कृमि) और यॉज जैसे NTD से मुक्त प्रमाणित किया गया था।
  • भारत जैसे देश जहाँ बीमारियों का बोझ सर्वाधिक है, वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2022 में मृदा से फैलने वाले हेल्मिंथियासिस और लिम्फैटिक फाइलेरिया के लगभग 117 मिलियन कम मामलों का उपचार किया गया।
  • भारत की 40.56% आबादी को वर्ष 2022 तक NTD के खिलाफ हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है।
  • रिपोर्ट में चिह्नित की गई प्रमुख चुनौतियों में कोविड-19 के बाद की धीमी रिकवरी, वित्तपोषण की अनिश्चितताएँ, भू-राजनीतिक व्यवधान, जलवायु परिवर्तन, ज्ञान और उपकरणों में अंतराल तथा NTD को संबोधित करने में अपर्याप्त डेटा जैसे मुद्दे शामिल हैं।

उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों

  • WHO के अनुसार, उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (NTD) विभिन्न प्रकार के रोगजनकों (वायरस, बैक्टीरिया, परजीवी, कवक और विषाक्त पदार्थों सहित) के कारण होने वाली स्थितियों का एक विविध समूह है तथा विनाशकारी स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक परिणामों से जुड़े हैं।
  • NTD मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में गरीब समुदायों के बीच व्यापक रूप से देखे जाते हैं, हालाँकि कुछ का भौगोलिक वितरण बहुत विस्तृत है।
  • इन बीमारियों में योगदान देने वाले कारकों को “उपेक्षित” किया जा रहा है:
  • NTD का महामारी विज्ञान जटिल है, यह प्रायः पर्यावरणीय स्थितियों से संबंधित होता है।
  • महामारी विज्ञान (Epidemiology) एक परिभाषित जनसंख्या में स्वास्थ्य और बीमारी के निर्धारकों, घटना और वितरण का अध्ययन है।
  • इनमें से कई में जटिल जीवन चक्र ऐसे होते हैं, जो वेक्टर-बोर्न (Vector-Borne) होते हैं जबकि कुछ पशुओं में संग्रहीत होते हैं।
  • HIV/AIDS, मलेरिया और तपेदिक जैसी बीमारियों की तुलना में NTD के उपचार के अनुसंधान और विकास के लिये काफी कम धन प्राप्त होता है।

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