- कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में पांच लाख ओबीसी प्रमाण पत्र रद्द करने का आदेश जारी किया।
- पश्चिम बंगाल में 2010 से जारी पांच लाख अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिए।
- यह निर्णय न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती और राजशेखर मंथा की खंडपीठ ने दिया है।
- न्यायालय ने स्पष्ट किया कि जिन व्यक्तियों ने इन प्रमाण पत्रों का उपयोग करके पहले ही रोजगार प्राप्त कर लिया है, वे इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे।
- पीठ ने पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा) (सेवाओं और पदों में रिक्तियों का आरक्षण) अधिनियम, 2012 के कुछ हिस्सों को रद्द कर दिया।
- न्यायालय ने अधिनियम की अनुसूची I से उप-वर्गीकृत श्रेणियों ओबीसी-ए और ओबीसी-बी को हटा दिया।
- राज्य सरकार के कार्यकारी आदेश में ओबीसी के 66 वर्गों को वर्गीकृत किया गया था।
- पिछड़ा वर्ग आयोग की राय और सलाह राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग अधिनियम, 1993 के तहत राज्य विधानसभा के लिए बाध्यकारी होते है।
