शुक्र. जून 28th, 2024

प्रख्यात बाल फिल्म निर्माता विनोद गनात्रा को फिल्मों में उनके योगदान के लिए दक्षिण अफ्रीका के प्रतिष्ठित ‘नेल्सन मंडेला लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है। विनोद गनात्रा ‘नेल्सन मंडेला लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड’ से सम्मानित होने वाले पहले भारत बन गए। विनोद गंत्रा को बच्चों के सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए 7वें नेल्सन मंडेला बाल फिल्म महोत्सव में पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

विनोद गनात्रा

  • विश्व स्तर पर प्रसिद्ध फिल्म निर्माता और संपादक गुजरात के लेकिन अब मुंबई में रहने वाले विनोद गनात्रा 1982 से फिल्म और टेलीविजन निर्माण में सक्रिय हैं।
  • उन्होंने लगभग 400 वृत्तचित्रों और न्यूज़रीलों का संपादन और निर्देशन किया है। उन्होंने बच्चों और युवाओं के लिए 25 बहुभाषी टेलीविजन कार्यक्रमों का निर्माण किया है। उनके पहले टीवी कार्यक्रम बैंगन राजा ने दूरदर्शन का  ‘जानकीनाथ गौड़ पुरस्कार’ जीता।
  • भारत पाकिस्तान सीमा पर बनी उनकी गुजराती फिल्म हारुन अरुण को 26वें शिकागो अंतर्राष्ट्रीय बाल फिल्म महोत्सव में “लिव उल्मन शांति पुरस्कार” मिला। वह प्रतिष्ठित ‘लिव उल्मन शांति पुरस्कार’ जीतने वाले एकमात्र भारतीय हैं।
  • गनात्रा ने 36 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। वह एसोसिएशन ऑफ फिल्म एंड वीडियो एडिटर्स द्वारा प्रदत्त “दादा साहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड” के भी प्राप्तकर्ता हैं।’
  • गनात्रा को दुनिया भर में 100 से अधिक राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों की जूरी का सदस्य होने का गौरव भी प्राप्त है।

नेल्सन मंडेला

  • नेल्सन मंडेला संभवतः दक्षिण अफ़्रीका के सबसे प्रसिद्ध व्यक्तित्व हैं जिन्हें दक्षिण अफ़्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति होने का गौरव प्राप्त है।
  • उनका जन्म 18 जुलाई 1918 को उस दक्षिण अफ्रीका में हुआ था, जो आधिकारिक रंगभेद नीति का पालन करता था। रंगभेदी नीति के तहत देश में नस्लीय पृथक्करण नीति का पालन किया जाता था जिसके तहत देश के बहुसंख्यक आबादी- काले, भारतीय नस्ल के लोग , दक्षिण अफ्रीका की मिश्रित आबादी को राजनीतिक और अन्य नागरिक अधिकारों से वंचित कर दिया गया । राजनीतिक और आर्थिक अधिकार दक्षिण अफ्रीका की श्वेत अल्पसंख्यक आबादी तक ही सीमित थे।
  • नेल्सन मंडेला, 1944 में अफ़्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) पार्टी में शामिल हुए और सत्तारूढ़ नेशनल पार्टी द्वारा अपनाई गई रंगभेद विरोधी नीति में सक्रिय रूप से भाग लिया। रंगभेद विरोधी आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने के कारण उन्हे सरकार द्वारा कई बार में जेल में डाल गया ।
  • 1962 में उन्हें हिंसा द्वारा सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उन्हें और  एएनसी पार्टी के कुछ सहयोगियों के साथ 1964 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
  • 1964 से 1982 तक, उन्हें केप टाउन के पास रॉबेन द्वीप जेल में रखा गया और बाद में उन्हें पोल्समूर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया।
  • जेल में अपने वर्षों के दौरान, नेल्सन मंडेला की प्रतिष्ठा लगातार बढ़ती गई और वह दक्षिण अफ्रीका में सबसे प्रमुख अश्वेत नेता के रूप में जाने जाने लगे और वह  रंगभेद विरोधी आंदोलन के प्रतीक बन गये।
  • फ्रेडरिक विलेम डी क्लार्क के नेतृत्व वाली सरकार के साथ बातचीत के बाद, मंडेला को 1990 में जेल से रिहा कर दिया गया।
  • उन दोनों नेताओं की बातचीत और उससे बने सहमति से देश में रंगभेद नीति का अंत हुआ और दक्षिण एरिका एक बहुजातीय लोकतांत्रिक देश बन गया।
  • दक्षिण अफ़्रीका में चुनाव हुआ जहाँ दक्षिण अफ़्रीका के सभी लोगों को मतदान का अधिकार प्राप्त था। नेल्सन मंडेला को 1994 में दक्षिण अफ़्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था।
  • नये दक्षिण अफ़्रीका को ‘इंद्रधनुष राष्ट्र’ कहा जाता है ।
  • नेल्सन मंडेला और फ्रेडरिक विलेम डी क्लार्क को 1993 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • भारत सरकार ने उन्हें 1990 में देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया। वह पाकिस्तान के खान अब्दुल गफ्फार खान (1987) के बाद भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पाने वाले दूसरे गैर भारतीय हैं।
  • उनके जन्मदिन, 18 जुलाई को नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Login

error: Content is protected !!