शनि. सितम्बर 28th, 2024
  • डब्ल्यूएचओ ने राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा विरासत संस्थान को तीसरे भारतीय पारंपरिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के रूप में नामित किया है।
  • आयुष मंत्रालय के तहत हैदराबाद में राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा विरासत संस्थान (NIIMH) को पारंपरिक चिकित्सा अनुसंधान के लिए डब्ल्यूएचओ सहयोगी केंद्र (CC) के रूप में नामित किया गया है।
  • हैदराबाद में राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा विरासत संस्थान (NIIMH) केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (CCRAS) के तहत एक इकाई है।
  • यह संस्थान अब ‘पारंपरिक चिकित्सा में मौलिक और साहित्यिक अनुसंधान’ के लिए डब्ल्यूएचओ केंद्र के रूप में काम करेगा।
  • यह मान्यता चार साल के लिए दी गई है।
  • आयुर्वेद शिक्षण और अनुसंधान संस्थान, जामनगर, और मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (MDNIY), नई दिल्ली, पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में अन्य डब्ल्यूएचओ सहयोगी केंद्र हैं।
  • हैदराबाद में राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा विरासत संस्थान की स्थापना 1956 में हुई थी। यह अमर पोर्टल सहित आयुष की विभिन्न डिजिटल पहलों में अग्रणी संस्थान रहा है।

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