गुरु. अप्रैल 24th, 2025 7:04:40 PM

हाल ही में संस्कृति मंत्रालय ने भारत भर के गाँवों की सांस्कृतिक विरासत का व्यापक अवलोकन प्रदान करने के लिये राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन  शुरू किया है।

राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन

  • यह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा संचालित एक योजना है।
  • इसकी संकल्पना संस्कृति मंत्रालय, अन्य मंत्रालयों और राज्यों के सांस्कृतिक संगठनों से एकत्रित कलाकारों, कला रूपों तथा अन्य संसाधनों का एक व्यापक डेटाबेस विकसित करने के उद्देश्य से की गई थी, जिसे एक मजबूत आईटी-सक्षम मंच पर विकसित किया गया था।

परियोजना के उद्देश्य और लक्ष्य

  • सांस्कृतिक विरासत की शक्ति और विकास एवं सांस्कृतिक पहचान के साथ इसके इंटरफेस के बारे में जागरूकता पैदा करना।
  • लाख गाँवों का सांस्कृतिक मानचित्रण उनके भौगोलिक, जनसांख्यिकीय प्रोफाइल और रचनात्मक राजधानियों के साथ।
  • कलाकारों और कला संबंधी प्रथाओं के राष्ट्रीय रजिस्टर का निर्माण।
  • राष्ट्रीय सांस्कृतिक कार्यस्थल (NCWP) के रूप में कार्य करने के लिए एक वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप का विकास।
  • परियोजना का उद्देश्य भारत के सभी बसे हुए गाँवों को कवर करना है, जिन्हें भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त द्वारा प्रकाशित जनगणना सूची, 2011 में ‘गाँव’ के रूप में चिह्नित किया गया है।
  • परियोजना का डेटाबेस ‘मेरा गाँव, मेरी धरोहर’ वेब पोर्टल (https://mgmd.gov.in/) के माध्यम से सुलभ है।

‘मेरा गाँव, मेरी धरोहर योजना

  • इस प्रक्रिया में राष्ट्र की सांस्कृतिक संपत्ति और कला भंडारों की पहचान तथा मानचित्रण  करना शामिल है, इसके अंतर्गत कला संबंधी अभिव्यक्ति, शिल्प तथा कौशल, ज्ञान परंपरा और मौखिक, श्रव्य, दृश्य या गतिज प्रकृति की सांस्कृतिक प्रथाएँ आती हैं।
  • सांस्कृतिक मानचित्रण के दौरान चिह्नित समुदाय के कलाकारों और शिल्पकारों के अनुष्ठान, सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी पर ध्यान दिया जाना प्रस्तावित है।
  • गाँवों का वर्गीकरण
  • गाँवों को पारिस्थितिकी, विकासात्मक और ऐतिहासिक महत्त्व के साथ-साथ सांस्कृतिक पहलुओं जैसे- प्रसिद्ध वस्त्र या उत्पादों या कुछ ऐतिहासिक अथवा पौराणिक घटनाओं जैसे- स्वतंत्रता संग्राम या महाभारत जैसे महाकाव्यों के आधार पर सात से आठ श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।

पारिस्थितिकी श्रेणी

  • राजस्थान का बिश्नोई गाँव प्रकृति के समन्वय के साथ रहने का प्रमुख उदाहरण है।
  • रैणी गाँव, चिपको आंदोलन के लिए प्रसिद्ध है।

विकासात्मक महत्त्व 

  • गुजरात का मोढेरा, भारत का पहला सौर ऊर्जा संचालित गाँव है।

ऐतिहासिक गाँव 

  • मध्य प्रदेश का कंडेल, प्रसिद्ध “जल सत्याग्रह” स्थल है।
  • उत्तराखंड का हनोल और कर्नाटक का विदुराश्वथर, महाभारत से संबंधित गाँव हैं।
  • कश्मीर का पंडरेथन (शैव रहस्यवादी लाल देद का गाँव)  सुकेती, एशिया का सबसे पुराना जीवाश्म पार्क।

सर्वेक्षण प्रक्रिया

  • संस्कृति मंत्रालय और सामान्य सेवा केंद्र (CSC), इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की संयुक्त टीमों द्वारा क्षेत्र सर्वेक्षण के माध्यम से गाँवों की सांस्कृतिक संपत्ति का मानचित्रण किया गया।
  • इसमें गाँव, ब्लॉक या जिले की विशेषताओं को जनता द्वारा साझा किया गया।
  • सर्वेक्षण प्रक्रिया में एक CSC ग्राम स्तरीय उद्यमी (VLE) स्थानीय लोगों के साथ बैठकें आयोजित करता है और एक विशेष आवेदन पर उनके गाँव के बारे में रोचक जानकारी अपलोड करता है।
  • इसका उपयोग किसी भी सरकारी मंत्रालय या अन्य सरकारी संगठन द्वारा चिह्नित गाँवों की संस्कृतियों, परंपराओं, कला रूपों और अन्य सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने और बढ़ावा देने के लिए प्रभावी ढंग से किया जा सकता है।

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