शनि. मार्च 22nd, 2025 6:18:02 PM

सरकार ने कौशल विकास पाठ्यक्रमों तक पहुँच बढ़ाने के उद्देश्य से एक संशोधित ‘मॉडल कौशल ऋण योजना’ शुरू की है, जिसमें अधिकतम ऋण सीमा में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।नई योजना में अधिकतम ऋण सीमा 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 7.5 लाख रुपए कर दी गई है। वर्ष 2015 में शुरू की गई पुरानी योजना में अपर्याप्त ऋण सीमा के कारण कम रुचि देखी गई।

पृष्ठभूमि

पिछली योजना का प्रदर्शन

  • सीमित सफलता: वर्ष 2015 में शुरू की गई पुरानी योजना को सीमित सफलता मिली थी, जिसमें 31 मार्च, 2024 तक 10,077 उधारकर्ताओं को केवल 115.75 करोड़ रुपये का ऋण दिया गया था।
  • बाधाएँ: 1.5 लाख रुपये की अधिकतम ऋण सीमा और बढ़ते पाठ्यक्रम शुल्क के कारण कम उपयोग हुआ, क्योंकि कई उच्च लागत वाले पाठ्यक्रम इससे बाहर रखे गए।
  • भारत में औपचारिक रूप से कुशल कार्यबल की उपलब्धता: तथाकथित कुशल कार्यबल का केवल 5% ही औपचारिक रूप से कुशल है और इसलिए यहाँ एक बड़ा कौशल अंतर है, जिसे भरने की आवश्यकता है।

मॉडल कौशल ऋण योजना

  • नई मॉडल कौशल ऋण योजना, वर्ष 2015 में शुरू की गई कौशल विकास के लिए ऋण गारंटी निधि योजना (Credit Guarantee Fund Scheme for Skill Development- CGFSSD) पर आधारित है, जो तीव्र तकनीकी प्रगति के बीच उच्च कौशल प्रशिक्षण के वित्तपोषण की चुनौतियों का समाधान करती है।
  • लाभ: इस पहल से शहरी एवं अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों के अभ्यर्थियों को विशेष प्रशिक्षण के लिए किफायती वित्त तक पहुँच प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे उनके प्लेसमेंट के अवसर बढ़ेंगे और अंतरराष्ट्रीय आवागमन की संभावना बढ़ेगी।

संशोधित योजना की विशेषताएँ

  • बढ़ा हुआ ऋण गारंटी कवर: वितरित ऋणों को ऋण राशि के 75% तक की चूक के विरुद्ध गारंटी द्वारा समर्थित किया जाएगा।
  • उच्च ऋण सीमा: क्रेडिट गारंटी कवर के लिए पात्र अधिकतम ऋण राशि को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 7.50 लाख रुपये कर दिया गया है।
  • विस्तारित ऋण ढाँचा: इससे पहले, केवल निजी, सार्वजनिक और विदेशी बैंक जो भारतीय बैंक संघ के सदस्य थे, ऋण सुविधा के लिए पात्र थे।
  • नई योजना में निजी, सार्वजनिक और विदेशी बैंकों के अलावा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFC), NBFC-MFI और लघु वित्त बैंक भी पात्र ऋणदाता के रूप में शामिल हैं।
  • पाठ्यक्रम तक व्यापक पहुँच: संशोधित योजना अब अधिक कौशल पाठ्यक्रमों तक पहुँच की अनुमति देगी, जबकि पुरानी योजना के तहत केवल राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढाँचे (NSQF) से जुड़े पाठ्यक्रम ही उपलब्ध थे।
  • इसके अलावा, स्किल इंडिया डिजिटल हब प्लेटफॉर्म पर शामिल गैर-राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढाँचे (NSQF) पाठ्यक्रम भी इस योजना के अंतर्गत आएँगे।
  • यह ऋण उन्नत स्तर के कौशल पाठ्यक्रमों तक बेहतर पहुँच प्रदान करेगा, जिससे कई इच्छुक छात्रों को भविष्योन्मुखी और माँग वाले उद्योग कौशल हासिल करने में आने वाली वित्तीय बाधाओं पर नियंत्रण पाया जा सकेगा।

सरकार का दृष्टिकोण

  • भविष्य की चुनौतियाँ: भविष्य की तकनीकों और रोजगार बाजार की माँगों के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है। यह योजना उसी दिशा में उठाया गया एक कदम है।
  • रणनीतिक योजना: सरकार वर्ष 2047 के लिए दीर्घकालिक रणनीतिक योजना पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिसका उद्देश्य रोजगार एवं नौकरी बाजार पर कौशल विकास के प्रभाव को बेहतर बनाना है।

कौशल भारत के लिए सरकारी पहल 

  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY): इसका उद्देश्य भारतीय युवाओं को उद्योग-प्रासंगिक कौशल प्रशिक्षण लेने में सक्षम बनाना है, जिससे उन्हें बेहतर आजीविका प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
  • कौशल भारत मिशन: इसका उद्देश्य देश भर में लाखों युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। यह विनिर्माण, निर्माण, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित है।
  • राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC): यह कौशल विकास प्रयासों को बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण भागीदारों, उद्योग निकायों और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं के साथ सहयोग करके कौशल विकास पहल को बढ़ावा देने में भूमिका निभाता है।
  • मानक प्रशिक्षण मूल्यांकन एवं पुरस्कार योजना (STAR): स्टार मानकीकृत प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करती है, जिससे प्रमाणन एवं बेहतर नौकरी की संभावनाएँ प्राप्त होती हैं।
  • राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन (NSDM): इसका उद्देश्य एक संपूर्ण कार्यान्वयन ढाँचा तैयार करना है, जो गुणवत्तापूर्ण अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक कौशल विकास के अवसर प्रदान करता है, जिससे प्रशिक्षुओं की आकांक्षाओं को पूरा करने वाले उत्पादक रोजगार और कॅरियर में प्रगति हो सके।
  • आजीविका संवर्द्धन के लिए कौशल अर्जन एवं ज्ञान जागरूकता (SANKALP): इसका उद्देश्य कौशल विकास के लिए संस्थागत तंत्र को मजबूत करना तथा देश भर में युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण एवं बाजार-प्रासंगिक प्रशिक्षण तक पहुँच बढ़ाना है।
  • सेक्टर स्किल काउंसिल (SSC): इन्हें उद्योग और सरकार के बीच इंटरफेसिंग संगठन के रूप में स्थापित किया गया था।
  • राष्ट्रीय प्रवास नीति (NMP): सरकार प्रवासी श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करने तथा उनकी गतिशीलता के साथ-साथ संसाधनों तक पहुँच को सुविधाजनक बनाने के लिए NMP विकसित करने पर कार्य कर रही है। पिछले पाँच वर्षों में कार्य के लिए अन्य देशों में प्रवास करने वाले भारतीय श्रमिकों की संख्या में 20% की वृद्धि हुई है।

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