- जापान में सैडो सोने और चांदी की खदानें यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची का हिस्सा बन गई हैं।
- दक्षिण कोरिया द्वारा उनको सूची में शामिल किए जाने पर आपत्ति वापस लेने के बाद इन खदानों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।
- दक्षिण कोरिया ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय अनैच्छिक कोरियाई श्रम के उपयोग के कारण इस प्रस्ताव का विरोध किया, जब जापान ने कोरियाई प्रायद्वीप पर शासन किया था।
- अब ये खदानें पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं। ऐसा माना जाता है कि इनका संचालन 12वीं शताब्दी की शुरुआत में शुरू हुआ था और द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक उत्पादन जारी रहा।
- 27 जुलाई को बीजिंग सेंट्रल एक्सिस को भी सूची में जोड़ा गया। यह चीनी राजधानी में पूर्व शाही महलों और उद्यानों का एक संग्रह है।
- 27 जुलाई को नई दिल्ली में अपनी वर्तमान समिति की बैठक में यूनेस्को ने खदानों की सूची की पुष्टि की। यूनेस्को समिति की बैठक 31 जुलाई को समाप्त होगी।
