मंगल. अप्रैल 1st, 2025 6:05:29 PM

वर्ष 2024 में प्रधानमंत्री जन-धन योजना का दसवाँ वर्ष है। PMJDY को दस वर्ष पूर्व 28 अगस्त, 2014 को लॉन्च किया गया था।सरकार का लक्ष्य चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान PMJDY के तहत 3 करोड़ से अधिक खाते खोलना है।

PMJDY

  • PMJDY एक वित्तीय समावेशन कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य किफायती तरीके से वित्तीय सेवाओं जैसे मूल बचत और जमा खाते, धन प्रेषण, ऋण, बीमा, पेंशन तक पहुँच सुनिश्चित करना है।
  • इस योजना के अंतर्गत जिन व्यक्तियों के पास कोई अन्य खाता नहीं है, वे किसी भी बैंक शाखा या बिज़नेस कॉरेस्पोंडेंट (बैंक मित्र) आउटलेट में मूल बचत बैंक जमा (BSBD) खाता खोल सकते हैं।

विशेषताएँ

  • कोई न्यूनतम शेष राशि नहीं: PMJDY खातों में कोई न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने की आवश्यकता नहीं है।
  • निःशुल्क डेबिट कार्ड: PMJDY खाताधारकों को निःशुल्क रुपे डेबिट कार्ड प्रदान किया जाता है।
  • दुर्घटना बीमा: 1 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा कवर (वर्ष 2018 से खोले गए नए PMJDY खातों के लिये 2 लाख रुपए  तक बढ़ाया गया) PMJDY खाताधारकों को जारी किये गए रुपे कार्ड के साथ उपलब्ध है।
  • OD सुविधा: पात्र खाताधारकों को 10,000 रुपए तक की ओवरड्राफ्ट (OD) सुविधा उपलब्ध है।
  • DBT लाभ: PMJDY खाते DBT, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY), अटल पेंशन योजना (APY), माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी बैंक (MUDRA) योजना के लिये पात्र हैं।हालाँकि PMJDY खाते के साथ कोई अनिवार्य निःशुल्क चेक बुक सुविधा नहीं है। बैंक PMJDY खातों पर चेक बुक जारी कर सकते हैं, जिनकी कीमत हो भी सकती है और नहीं भी।

प्रधानमंत्री जन-धन योजना की उपलब्धियाँ

  • खाता विस्तार: मार्च, 2015 में PMJDY ने 147 मिलियन खाते खोले थे, जो मार्च, 2024 में 520 मिलियन खातों तक पहुँच गया है।
  • जमा संग्रहण: मार्च, 2015 में जमा संग्रहण 15,600 करोड़ रुपए था, जो मार्च, 2024 में बढ़कर 2.32 ट्रिलियन रुपए हो गया।पिछले 10 वर्षों में जमा संग्रहण 30% की चक्रवृद्धि औसत वृद्धि दर से बढ़ा है।मार्च, 2015 में औसत शेष राशि 1,065 रुपए से बढ़कर मार्च 2024 में 4,476 रुपए हो गई, जो पिछले दशक में लगभग चार गुना है।
  • बैंकिंग अवसंरचना का विस्तार: जन धन दर्शक (JDD) ऐप पर 1.3 मिलियन से अधिक बैंकिंग टच पॉइंट मैप किये गए हैं। जुलाई, 2023 तक JDD ऐप पर कुल 6,01,000 गाँव मैप किये गए हैं। इनमें से कुल मैप किये गए गाँवों में से 5,99,468 (99.7%) गाँवों में बैंकिंग आउटलेट (बैंक शाखा, बैंकिंग कॉर्नर, या 5 किमी के दायरे में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक) की सुविधाएँ हैं।जन धन दर्शक ऐप एक मोबाइल एप्लीकेशन है, जो नागरिकों को शाखाओं, ATM, बैंकिंग संवाददाता (BC), IPPB आदि जैसे बैंकिंग टचपॉइंट्स का पता लगाने में मदद करता है।
  • ग्रामीण-शहरी समानता: वित्त मंत्रालय के अनुसार, PMJDY ने कुल 53.13 करोड़ PMJDY खातों की उपलब्धि हासिल की, जिसमें से 55.6% (29.56 करोड़) जन-धन खाताधारक महिलाएँ हैं और 66.6% (35.37 करोड़) जन धन खाते ग्रामीण तथा अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं।
  • डिजिटल भुगतान में वृद्धि: UPI वित्तीय लेन-देन की कुल संख्या वित्त वर्ष 2018 में 920 मिलियन से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 131.2 बिलियन हो गई है।इसी तरह पॉइंट ऑफ सेल (PoS) और ई-कॉमर्स पर RuPay कार्ड लेनदेन की कुल संख्या वित्त वर्ष 2018 में 670 मिलियन से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 1.26 बिलियन हो गई है।
  • प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT): PMJDY ने 312 प्रमुख योजनाओं के माध्यम से 53 केंद्रीय सरकारी मंत्रालयों से लाभार्थियों को लगभग 361 बिलियन अमरीकी डॉलर सीधे हस्तांतरित किये।कोविड-19 के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKY) के तहत PMJDY खातों ने तीन महीने (अप्रैल, मई और जून 2020) के लिये 500 रुपए प्रति माह के एकमुश्त अनुग्रह भुगतान में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे 206.4 मिलियन महिला खाताधारक लाभान्वित हुई।
  • ओवरड्राफ्ट (OD) खाते: मार्च, 2024 तक ऐसे PMJDY खाताधारकों के लिये 190 करोड़ रुपए की स्वीकृत राशि के साथ कुल 1,17,701 ओवरड्राफ्ट सुविधा खाते खोले गए हैं। इस सीमा का उपयोग 80.5% है।इसने सबसे गरीब लोगों के लिये औपचारिक वित्तीय प्रणाली से ऋण तक पहुँच सुनिश्चित की है।
  • कम शून्य शेष वाले खाते: यद्यपि PMJDY के तहत शून्य शेष वाले खातों की अनुमति है और न्यूनतम शेष राशि बनाए रखना अनिवार्य नहीं है, फिर भी केवल 8.4% खातों में शून्य शेष राशि है।
  • विश्व बैंक द्वारा प्रशंसा: विश्व बैंक के अनुसार, भारत ने छह वर्षों में इतना कुछ हासिल कर लिया है जितना वह पाँच दशकों में नहीं कर पाता।जन धन-आधार-मोबाइल (JAM) त्रिमूर्ति ने वित्तीय समावेशन दर को वर्ष 2008 के 25% से बढ़ाकर 80% वयस्कों तक पहुँचा दिया है, यह प्रगति जिसे पूरा होने में 47 वर्षों का समय लगता, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) के कारण संभव हुई है।

PMJDY से जुड़ी चुनौतियाँ

  • एक से अधिक खाते: बड़े बीमा कवर, आकस्मिक मृत्यु लाभ कवर और ओवरड्राफ्ट सुविधा पाने के लालच में लोग आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि जैसे विभिन्न पहचान दस्तावेज़ों का उपयोग करके विभिन्न बैंकों में कई खाते खोल लेते हैं।
  • बैंकों पर आर्थिक बोझ: बहुत अधिक संख्या में ऐसे खाते जिनमें लगातार कम शेष राशि रहती है, उनके प्रबंधन में बैंकों के लिये वित्तीय समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
  • धन शोधन: ऐसी चिंताएँ हैं कि गरीबों के जन धन खातों का उपयोग काले धन के संचालकों द्वारा धन शोधन में किया जाता है।विमुद्रीकरण के बाद जनधन खातों का उपयोग धन शोधन के लिये किया गया।
  • ओवरड्राफ्ट सुविधा में कमी: OD सुविधा प्रदान करना संबंधित बैंकों का विवेकाधिकार है। कई बैंक OD सुविधा देने से मना कर देते हैं, जिससे उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता।
  • अधिकार का दुरुपयोग: कभी-कभी व्यवसाय संवाददाता (Business Correspondents- BC) अधिकार का दुरुपयोग करते हैं और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों का जीवन दयनीय बना देते हैं।BC उन सेवाओं के लिये अतिरिक्त शुल्क ले सकते हैं जो निःशुल्क या न्यूनतम लागत वाली मानी जाती हैं, जैसे बैंक खाते खोलना, लेन-देन की प्रक्रिया करना या ऋण प्रदान करना।
  • बैड लोन: यह संभावना है कि ओवरड्राफ्ट सुविधा बैंकों के लिये बैड लोन के रूप में समाप्त हो सकती है, क्योंकि इस योजना में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि बैंक ऋण कैसे वसूल सकते हैं।अतीत में अनेक ऋण माफी योजनाओं के कारण लोग ऋण को मुफ्त में मिलने वाली वस्तु मानने लगे हैं।
  • वित्तीय एवं प्रौद्योगिकी निरक्षरता: बचत, उधार, निवेश और व्यय के बारे में निर्णय लेने के लिये ग्रामीण लोगों में जागरूकता, ज्ञान तथा कौशल की कमी है।वित्तीय सेवा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वीज़ा द्वारा किये गए सर्वेक्षण से पता चला है कि 65% भारतीयों में वित्तीय साक्षरता का अभाव है।

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