केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जलविद्युत विस्तार के लिए पूर्वोत्तर राज्यों को ₹4,136 करोड़ की मंजूरी दी
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले आठ वर्षों के लिए कुल 15,000 मेगावाट क्षमता की जलविद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए पूर्वोत्तर राज्यों को ₹4,136 करोड़ की इक्विटी सहायता को मंजूरी दी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्र के साथ संयुक्त उद्यम के माध्यम से विकसित की जाने वाली जलविद्युत परियोजनाओं में 24% तक इक्विटी हिस्सेदारी के लिए पूर्वोत्तर राज्यों को केंद्रीय वित्तीय सहायता के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी।
इस योजना का परिव्यय ₹4,136 करोड़ है जिसे 2024-25 से 2031-32 तक लागू किया जाना है।
इस योजना को विद्युत मंत्रालय के कुल परिव्यय से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 10% सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा।
एनईआर की राज्य सरकार का इक्विटी हिस्सा कुल परियोजना इक्विटी के 24 प्रतिशत पर सीमित होगा, जो प्रति परियोजना अधिकतम ₹750 करोड़ होगा।
संयुक्त उद्यम में सीपीएसयू और राज्य सरकार का इक्विटी अनुपात अनुदान के वितरण के समय बनाए रखा जाएगा।
जलविद्युत परियोजनाओं के विकास से 2030 तक 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के भारत के राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (आईएनडीसी) को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।