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पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने केरल के 10 तटीय जिलों के तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना (सीजेडएमपी) को मंजूरी दी

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने केरल के 10 तटीय जिलों के तटीय क्षेत्र प्रबंधन योजना (Coastal Zone Management Plan – CZMP) को मंजूरी दी है, जिसमें कासरगोड, कन्नूर, कोझीकोड, मलप्पुरम, त्रिशूर, और एर्नाकुलम जैसे जिले शामिल हैं। इस योजना का उद्देश्य तटीय क्षेत्रों में मानवीय गतिविधियों को सुनियोजित ढंग से प्रबंधित करना और उनकी पारिस्थितिकी को संरक्षित रखना है।

तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) अधिसूचना, 2019 के साथ संरेखित: योजना तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ) अधिसूचना, 2019 के साथ संरेखित है, जो अनुमति देती है:

तटीय क्षेत्रों के बारे में यह समुद्री एवं प्रादेशिक क्षेत्रों के बीच एक संक्रमण क्षेत्र है। इसमें तटीय पारिस्थितिकी तंत्र, आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र, मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र, मडफ्लैट पारिस्थितिकी तंत्र, समुद्री घास पारिस्थितिकी तंत्र, लवणीय दलदल पारिस्थितिकी तंत्र एवं समुद्री शैवाल पारिस्थितिकी तंत्र शामिल हैं। उच्च ज्वार रेखा (High Tide Line- HTL) HTL का अर्थ है स्थल पर वह रेखा, जहाँ तक ​​वसंत ज्वार के दौरान सबसे ऊँची जल रेखा पहुँचती है। निम्न ज्वार रेखा (Low Tide Line) इसी प्रकार, इसका अर्थ स्थल पर वह रेखा है, जहाँ तक वसंत ज्वार के दौरान सबसे निचली जल रेखा पहुँचती है।  

तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZs)

CRZ की मुख्य विशेषताएँ

तटीय विनियमन क्षेत्रों का महत्त्व

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