वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के सचिव, श्री सुनील बर्थवाल, ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ नॉर्वे का दौरा किया। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और नॉर्वे के बीच व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते (TEPA) को मजबूत करना, भारतीय वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात के लिए EFTA देशों के बड़े बाजार को खोलना और $100 अरब के निवेश को जल्द लागू करने के प्रयासों को आगे बढ़ाना था।
व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते
- हस्ताक्षर: TEPA को मार्च 2024 में भारत और चार EFTA देशों – आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड के बीच हस्ताक्षरित किया गया।
EFTA की पेशकश
- 92.2% टैरिफ लाइनों पर शुल्क छूट प्रदान करता है।
- भारत के 99.6% निर्यात को कवर करता है।
- 100% गैर-कृषि उत्पादों के लिए बाज़ार तक पहुंच और प्रोसेस्ड कृषि उत्पादों (PAP) पर टैरिफ रियायतें शामिल हैं।
भारत की पेशकश
- 82.7% टैरिफ लाइनों पर शुल्क छूट प्रदान करता है।
- EFTA के 95.3% निर्यात को कवर करता है।
सेवाओं में समझौते
- भारत ने EFTA को 105 उप-क्षेत्रों की पेशकश की है और नॉर्वे से 114 उप-क्षेत्रों में प्रतिबद्धताएं प्राप्त की हैं।
- TEPA भारत के सेवा निर्यात को बढ़ावा देगा, खासकर IT सेवाएं, व्यावसायिक सेवाएं, व्यक्तिगत, सांस्कृतिक, खेल और मनोरंजन सेवाएं, अन्य शैक्षिक सेवाएं, और ऑडियो-विजुअल सेवाओं जैसे क्षेत्रों में।
EFTA द्वारा सेवाएं
- डिजिटल माध्यम से सेवाओं की बेहतर पहुंच (Mode 1)।
- वाणिज्यिक उपस्थिति (Mode 3) में सुधार।
- प्रमुख कर्मियों के प्रवेश और अस्थायी प्रवास (Mode 4) के लिए प्रतिबद्धताओं और निश्चितता में वृद्धि।
TEPA के मुख्य क्षेत्र
सेवा क्षेत्र (Service Sectors):
- TEPA भारत के सेवा निर्यात को बढ़ावा देगा, खासकर IT, व्यावसायिक सेवाओं, शिक्षा, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और ऑडियो-विजुअल सेवाओं में।
EFTA निम्नलिखित के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करता है
- डिजिटल सेवाओं का वितरण (Mode 1)।
- वाणिज्यिक उपस्थिति स्थापित करना (Mode 3)।
- प्रमुख कर्मियों की आवाजाही और अस्थायी प्रवास (Mode 4)।
निर्माण क्षेत्र पर प्रभाव (Impact on Manufacturing):
TEPA भारत के घरेलू निर्माण को समर्थन देगा, खासकर इन क्षेत्रों में:
- इंफ्रास्ट्रक्चर, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, खाद्य प्रसंस्करण, लॉजिस्टिक्स, और बैंकिंग।
- तकनीकी और अनुसंधान सहयोग (Technology and R&D Collaboration): नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य विज्ञान, सटीक इंजीनियरिंग और नवाचार जैसे क्षेत्रों में उन्नत तकनीकों और सहयोग को प्रोत्साहन।
भारत के लिए संभावित लाभ
- रोजगार सृजन: भारत के युवा कार्यबल के लिए सीधे रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
- कौशल विकास: व्यावसायिक और तकनीकी प्रशिक्षण के अवसरों का विस्तार।
- तकनीकी सहयोग: सटीक इंजीनियरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य विज्ञान और अनुसंधान एवं विकास (R&D) में उन्नति।
- निर्यात में वृद्धि: भारत के 99.6% निर्यात को EFTA देशों में बाज़ार तक पहुंच मिलेगी।$100 अरब निवेश को प्रोत्साहित करेगा।