हरिनी अमरसूर्या को श्रीलंका की नई प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है, और वह इस पद पर पहुंचने वाली तीसरी महिला नेता हैं। वे 5 साल पहले राजनीति में आईं और 2 महीने पहले अंतरिम सरकार में प्रधानमंत्री रह चुकी हैं। उनकी पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से हुई है। हाल ही में श्रीलंका में संसदीय चुनावों के बाद नई सरकार का गठन हुआ है, जिसमें उन्होंने यह महत्वपूर्ण पद संभाला।
मुख्य बिंदु
- हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनीं।
- उनकी पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से हुई है।
- राजनीति में आने के 5 साल बाद प्रधानमंत्री बनीं।
- 14 नवंबर को हुए संसदीय चुनावों में NPP गठबंधन की जीत।
- नई कैबिनेट में 22 सदस्य, जिनमें 2 महिलाएं और 2 तमिल सांसद शामिल।
- राष्ट्रपति ने कैबिनेट को छोटा रखा, सरकार की लागत को कम करने के उद्देश्य से।
तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनीं हरिनी अमरसूर्या
- हरिनी अमरसूर्या श्रीलंका की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनीं।
- इससे पहले, सिरिमाओ भंडारनायके (3 बार) और चंद्रिका कुमारतुंगा (1 बार) महिला प्रधानमंत्री पद पर रह चुकी हैं।
- हरिनी अमरसूर्या ने 2020 में पहली बार सांसद के रूप में राजनीति में कदम रखा।
- राजनीति में आने से पहले, वह श्रीलंका ओपन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थीं।
हरिनी नीरेका अमरसूर्या
- जन्म: 6 मार्च 1970
- वह एक समाजशास्त्री, शिक्षाविद, कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ हैं।
- अमरसूर्या का जन्म एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था।
- उनके पिता एक चाय बागान के मालिक थे।
- 1972 में श्रीलंका में भूमि सुधार कानून लागू होने के बाद, उनका परिवार गाले से कोलंबो आकर बस गया, क्योंकि सरकार ने उनके पिता का चाय बागान अधिग्रहित कर लिया था।
- 2024 से श्रीलंका की प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत हैं।
श्रीलंका – एक परिचय
श्रीलंका (आधिकारिक नाम श्रीलंका समाजवादी जनतांत्रिक गणराज्य) दक्षिण एशिया में हिन्द महासागर के उत्तरी भाग में स्थित एक द्वीपीय देश है। यह भारत के दक्षिण में स्थित है और इसकी दूरी भारत से केवल 31 किलोमीटर है। श्रीलंका का सबसे बड़ा नगर कोलम्बो है, जो समुद्री परिवहन के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण बंदरगाह है। श्रीलंका का पुराना नाम शीलोन था, जिसे 1974 में बदलकर श्रीलंका रख दिया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य
- प्रधानमंत्री: हरिनी अमरसूर्या
- राष्ट्रपति: अनुरा कुमारा दिसानायके
- राजभाषा: सिंहली, तमिल
- सबसे बड़ा नगर: कोलम्बो
- इतिहास: श्रीलंका का लिखित इतिहास 5000 वर्ष पुराना है। 125,000 वर्ष पूर्व यहाँ मानव बस्तियाँ होने के प्रमाण मिले हैं। तीसरी सदी ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक के पुत्र महेन्द्र के आगमन पर बौद्ध धर्म का श्रीलंका में प्रवेश हुआ।
- यूरोपीय आक्रमण: 16वीं सदी में यूरोपीय शक्तियाँ श्रीलंका में व्यापार स्थापित करने आईं। पहले पुर्तगालियों ने कोलम्बो के पास अपना दुर्ग बनाया, फिर डचों और अंग्रेजों ने भी अपने-अपने प्रभुत्व के लिए संघर्ष किया। 1800 ईस्वी तक अंग्रेजों ने तटीय क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया और 1818 में कैंडी के राजा ने आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद सम्पूर्ण श्रीलंका पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया।
- स्वतंत्रता: द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद 4 फरवरी 1948 को श्रीलंका को यूनाइटेड किंगडम से स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
श्रीलंका का सांस्कृतिक महत्व
- श्रीलंका एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध देश है, जहां बौद्ध धर्म और अन्य सांस्कृतिक परंपराएँ गहरी जड़ें रखती हैं। यहाँ की वैद्दा जनजाति अपनी अनूठी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।