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भारत में पी2पी उधार का उत्थान और पतन

अगस्त 2024 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा पीयर-टू-पीयर (P2P) लेंडिंग प्लेटफॉर्म पर सख्त नियम लागू किए जाने के बाद, P2P लेंडिंग उद्योग में महत्वपूर्ण परिवर्तन आए। इन नए नियमों का उद्देश्य उधारदाताओं की सुरक्षा बढ़ाना और संभावित जोखिमों को सीमित करना है, लेकिन इसके चलते उद्योग की प्रबंधन के तहत परिसंपत्ति (AUM) में लगभग 35% की गिरावट देखी गई है। इससे अनुमानित ₹10,000 करोड़ से घटकर लगभग ₹6,500 करोड़ रह गई।

पीयर-टू-पीयर (P2P) लेंडिंग

P2P लेंडिंग का कार्य करने का तरीका

P2P लेंडिंग के लाभ

P2P लेंडिंग के नुकसान

RBI द्वारा लागू किए गए नए नियम और उनके प्रभाव

RBI द्वारा विनियमन

विनियमन के उद्देश्य और प्रारंभिक नियम

विनियामक चिंताएं और दमन

भारत में P2P उधार का अनिश्चित भविष्य

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