Site icon Current Hunt

स्विटज़रलैंड भारत का MFN दर्जा रद्द किया

स्विट्जरलैंड 1 जनवरी, 2025 से भारत के साथ अपने दोहरे कराधान परिहार समझौते (DTAA) में मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) खंड को निलंबित कर देगा।इससे भारतीय कर दाताओं को दिए जाने वाले लाभांश पर कर की दर 5% से बढ़कर 10% हो जाएगी।

DTAA के MFN क्लॉज़ के संबंध में मुख्य तथ्य

MFN MFN खंड अंतर्राष्ट्रीय संधियों में समान व्यवहार सुनिश्चित करता है, जिसके अंतर्गत देशों को संधि के अंतर्गत अन्य सभी पक्षों को अनुकूल कर दरें या शर्तें प्रदान करने की आवश्यकता होती है।यह गारंटी देता है कि व्यापार या कराधान के मामलों में किसी भी देश के साथ अन्य की तुलना में कम अनुकूल व्यवहार नहीं किया जाएगा। स्विटजरलैंड ने MFN खंड को क्यों निलंबित किया उच्चतम न्यायालय के निर्णय में स्पष्ट किया गया कि MFN खंड के अंतर्गत कर दरों में स्वतः समायोजन के लिए भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 90 के अंतर्गत औपचारिक अधिसूचना की आवश्यकता होती है।इस स्पष्टीकरण के पश्चात् स्विटजरलैंड ने MFN खंड को निलंबित कर दिया, जिससे कर कटौती की दर प्रभावित हुई।

भारत के साथ MFN दर्जे के निलंबन का क्या प्रभाव हो सकता है

दोहरा कर बचाव समझौता

DTAA के उद्देश्य

DTAA की कार्यप्रणाली

भारत-स्विट्ज़रलैंड निवेश परिदृश्य वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2000 से वर्ष 2023 के बीच भारत में स्विट्ज़रलैंड का निवेश प्रवाह 9.95 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया, जिससे वह भारत में 12 वाँ सबसे बड़ा निवेशक बन गया।अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, वर्ष 2021 में भारत में स्विस निवेश 35 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।IMF के अनुसार, स्विट्ज़रलैंड भारतीय FDI शेयरों का 8 वाँ सबसे बड़ा प्राप्तकर्त्ता है, जिसकी राशि 3.7 बिलियन अमरीकी डॉलर है।नेस्ले, ABB, नोवार्टिस, रोश, UBS और क्रेडिट सुइस सहित 330 से अधिक स्विस कंपनियों ने मशीनरी, फार्मास्यूटिकल्स, वित्त, निर्माण, सतत् प्रौद्योगिकियों और ICT सेवाओं जैसे क्षेत्रों में भारत में निवेश किया है।TCS, इंफोसिस, HCL टेक और विप्रो सहित लगभग 140 भारतीय कंपनियों ने स्विट्ज़रलैंड में लगभग 180 संस्थाओं में निवेश किया है, जो मुख्य रूप से प्रौद्योगिकी (32%) और लाइफ साइंस (21%) के क्षेत्र में हैं।
Exit mobile version