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- आईआईटी मद्रास ने भारत का पहला हाइपरलूप ट्रेन परीक्षण ट्रैक पूरा किया।
- आईआईटी मद्रास ने 410 मीटर का हाइपरलूप परीक्षण ट्रैक पूरा किया है। यह भविष्य की परिवहन प्रणालियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
- इस परियोजना का नेतृत्व आईआईटी मद्रास की आविष्कार हाइपरलूप टीम ने तुत्र (TuTr) के साथ मिलकर किया है, जो संस्थान में इनक्यूबेट किया गया एक स्टार्टअप है।
- हाइपरलूप की अवधारणा 2012 में एलन मस्क द्वारा दी गई थी।
- यह विकास भारत को इस अत्याधुनिक परिवहन तकनीक को अपनाने के और करीब ले जाएगा।
- इस तकनीक को दो चरणों में लागू किया जाएगा: पहले चरण में तकनीक को मान्य और प्रमाणित करने के लिए 11.5 किलोमीटर का परीक्षण ट्रैक होगा।
- सफल परीक्षणों के बाद, दूसरे चरण में 100 किलोमीटर का हाइपरलूप ट्रेन ट्रैक बनाया जाएगा।
- हाइपरलूप ट्रेनों को 1,100 किमी/घंटा तक की गति तक पहुँचने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसकी परिचालन गति लगभग 360 किमी/घंटा है।
- यह प्रणाली वैक्यूम-सील, घर्षण रहित वातावरण में काम करती है।
- इस तकनीक के तहत, 24-28 यात्रियों को ले जाने में सक्षम प्रत्येक पॉड बिना रुके सीधे गंतव्यों के बीच यात्रा करेगा।
- भारत की पहली पूर्ण-स्तरीय हाइपरलूप परियोजना की योजना मुंबई और पुणे के बीच बनाई गई है।
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