गुरु. दिसम्बर 5th, 2024

महाराष्ट्र के दहानू के पास निर्माणाधीन वधावन ग्रीनफील्ड पोर्ट, भारत के कंटेनर व्यापार को वर्तमान स्तर से दोगुना करने की क्षमता रखता है। इसे 2034 तक पूरा करने की योजना है, और यह दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में शामिल होने का अनुमान है।

वधावन ग्रीनफील्ड पोर्ट

  • स्थान और तट: वधावन पोर्ट महाराष्ट्र के पालघर जिले में अरब सागर के किनारे स्थित है।
  • परियोजना संचालक: वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (VPPL) और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (JNPA) द्वारा संचालित।
  • प्रधानमंत्री गति शक्ति कार्यक्रम: यह परियोजना प्रधानमंत्री गति शक्ति कार्यक्रम के तहत देश के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के उद्देश्यों के साथ जुड़ी हुई है।
  • ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट: यह पोर्ट ग्रीनफील्ड परियोजना के रूप में विकसित किया जाएगा, जिसमें प्रारंभ से ही आधुनिक तकनीक और बुनियादी ढांचे को शामिल किया जाएगा।
  • सार्वजनिक–निजी साझेदारी (PPP): परियोजना के मुख्य बुनियादी ढांचे, टर्मिनलों और वाणिज्यिक विकास के लिए सार्वजनिक-निजी साझेदारी का उपयोग किया जाएगा, जिससे विशेषज्ञता और दक्षता को बढ़ावा मिलेगा।

वधावन ग्रीनफील्ड पोर्ट परियोजना: मुख्य बिंदु

  • विश्व के शीर्ष 10 बंदरगाहों में स्थान: वधावन पोर्ट 2034 तक दोनों चरणों के पूर्ण होने के बाद दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में शामिल होगा।
  • 2029 तक चार टर्मिनल और 2034 तक पांच अतिरिक्त टर्मिनल पूरे किए जाएंगे।
  • भारत के कंटेनर व्यापार में वृद्धि: इस परियोजना के पूरा होने से भारत की कंटेनर क्षमता दोगुनी हो जाएगी।
  • परियोजना का प्रारंभिक विचार: इस परियोजना की अवधारणा 1991-92 में की गई थी, लेकिन अब इसे साकार किया जा रहा है।

परियोजना लागत और साझेदारी

  • ₹76,000 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना का निर्माण वधावन पोर्ट प्रोजेक्ट लिमिटेड (VPPL) द्वारा किया जा रहा है।
  • यह जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (JNPA) और महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड (MMB) का संयुक्त उपक्रम है, जिसमें JNPA की 74% और MMB की 26% हिस्सेदारी है।
  • परियोजना का महत्व: यह भारत के कंटेनर व्यापार को नई ऊंचाई पर ले जाने के साथ-साथ देश के समुद्री व्यापार क्षेत्र में एक “गेम चेंजर” साबित होगी।

वधावन पोर्ट परियोजना: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महत्व

क्षमता और दक्षता में वृद्धि

  • पहला मेगा पोर्ट: वधावन भारत का पहला मेगा पोर्ट होगा, जो बड़ी मात्रा में कार्गो और कैपेसाइज जैसे विशाल जहाजों को संभालने में सक्षम होगा।
  • उन्नत क्षमता: यह पोर्ट प्रति वर्ष 298 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) कार्गो और 2 मिलियन TEU कंटेनर संभालने की क्षमता रखेगा।
  • भीड़ में कमी: वर्तमान में JNPA जैसे बंदरगाहों पर भारी दबाव को कम करेगा, जिससे माल परिवहन अधिक सुगम होगा।

रणनीतिक स्थान और कनेक्टिविटी

  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार का केंद्र: वधावन का स्थान इसे इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्टेशन कॉरिडोर (INSTC) और इंडिया-मिडल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर (IMEEC) के लिए महत्वपूर्ण लिंक बनाता है।
  • स्मूथ ट्रेड फ्लो: व्यापार को तेज और अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगा।

आर्थिक विकास और रोजगार

  • आयात–निर्यात व्यापार में बढ़ावा: पोर्ट की क्षमता और स्थान भारत के आयात-निर्यात व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
  • रोजगार के अवसर: परियोजना से लगभग 12,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट

  • ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट (Greenfield Project) ऐसे प्रोजेक्ट्स होते हैं जो पूरी तरह से नए स्थान पर शुरू किए जाते हैं, जहां पहले से कोई निर्माण, इन्फ्रास्ट्रक्चर, या कामकाज मौजूद नहीं होता। इसका मतलब है कि यह प्रोजेक्ट “शून्य से शुरुआत” करता है।

मुख्य विशेषताएँ

  • नई शुरुआत: इन प्रोजेक्ट्स में किसी पुराने ढांचे का उपयोग नहीं किया जाता।
  • संपूर्ण योजना: डिजाइन, निर्माण और ऑपरेशन सब कुछ नए तरीके से होता है।
  • भूमि उपयोग: इन प्रोजेक्ट्स के लिए आमतौर पर खाली जमीन (ग्रीनफील्ड) का उपयोग होता है।
  • पूंजी निवेश: ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट में भारी निवेश की आवश्यकता होती है क्योंकि सबकुछ नए सिरे से बनाया जाता है।

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