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केंद्रीय उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने पीएलआई योजना 1.1 का शुभारंभ किया

केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने 6 जनवरी को नई दिल्ली में विशेष इस्पात के लिए पीएलआई योजना के दूसरे दौर का शुभारंभ किया, जिसे पीएलआई योजना 1.1 कहा गया है।इस्पात मंत्रालय द्वारा जुलाई 2021 में 6,322 करोड़ रुपये के बजटीय प्रावधान के साथ विशेष इस्पात के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के पहले दौर को अधिसूचित किया गया था।

योजना के संशोधित संस्करण, जिसे ‘ PLI योजना 1.1’ कहा गया है, में उद्योग की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए मानदंडों में छूट दी गई है।PLI योजना 1.1 में शुरू किए गए प्रमुख परिवर्तनों में कुछ उप-श्रेणियों जैसे कोल्ड-रोल्ड ग्रेन-ओरिएंटेड स्टील (CRGO) में निवेश और क्षमता आवश्यकताओं की सीमा को कम करना, प्रोत्साहन का दावा करने के लिए अतिरिक्त उत्पादन को अगले वर्षों में ले जाने की अनुमति देना आदि शामिल हैं।CRGO एक उच्च मूल्य वाला इस्पात है जिसका उपयोग विद्युत ट्रांसफार्मर के उत्पादन में किया जाता है ।6 जनवरी से 31 जनवरी, 2025 तक आवेदन के लिए खुली रहेगी और वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2029-30 की उत्पादन अवधि के दौरान कार्यान्वित की जाएगी।

योजना की मुख्य विशेषताएं

पीएलआई योजना  पांच (5) उत्पाद श्रेणियों को कवर करती है

लेपित / चढ़ाया इस्पात उत्पाद,

उपरोक्त उत्पादों के अनुप्रयोग की एक विस्तृत श्रृंखला है जिसमें श्वेत वस्तुओं से लेकर ट्रांसफार्मर, ऑटोमोबाइल और अन्य विशिष्ट क्षेत्र शामिल हैं।व्हाइट गुड्स बड़े घरेलू उपकरण होते हैं जो आम तौर पर श्वेत  होते हैं। उदाहरण: एयर कंडीशनर, डिशवॉशर, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, ओवन, आदि।यह योजना मूल रूप से इसके लिए आवंटित धनराशि अर्थात 6,322 करोड़ रुपये (2021 में) के भीतर संचालित होगी।भारत में विशेष ग्रेड के इस्पात का निर्माण करने वाली कोई भी कंपनी इस योजना के लिए आवेदन कर सकती है।  देश के भीतर ही एंड-टू-एंड उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए आदान(इनपुट) सामग्री को भारत में ही पिघलाया या डाला जाना चाहिए।

प्रमुख परिवर्तन

योजना का महत्व

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