भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था 2030 तक कुल सकल घरेलू उत्पाद का लगभग पांचवां हिस्सा होगी: आईसीआरआईईआर।
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भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था 2030 तक कुल सकल घरेलू उत्पाद का लगभग पांचवां हिस्सा होगी: आईसीआरआईईआर।
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था 2024-25 के अंत तक राष्ट्रीय आय में 13.42% का योगदान देगी। 2022-23 में इसका योगदान 11.74% रहा।
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध अनुसंधान परिषद (ICRIER) द्वारा डिजिटल अर्थव्यवस्था के आकार के संबंध में एक रिपोर्ट तैयार की गई थी।
आईसीआरआईईआर ने अपनी रिपोर्ट में डिजिटल अर्थव्यवस्था में व्यापार, बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई) और शिक्षा जैसे पारंपरिक उद्योगों की डिजिटल हिस्सेदारी को शामिल किया है।
इस ढांचे के तहत, 2022-23 में डिजिटल अर्थव्यवस्था सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में ₹28.94 लाख करोड़ और सकल घरेलू उत्पाद में ₹31.64 लाख करोड़ (~$402 बिलियन) थी।
रिपोर्ट के अनुसार, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी फर्मों, दूरसंचार गतिविधियों और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण ने राष्ट्रीय जीवीए में 7.83% का योगदान दिया।
रिपोर्ट के अनुसार, ई-कॉमर्स और डिजिटल-केवल सेवाओं जैसे क्षेत्रों का योगदान वर्तमान में सीमित है।