कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री पद और लिबरल पार्टी के नेता के पद से इस्तीफा दे दिया है। ट्रूडो तब तक कार्यभार संभालेंगे जब तक पार्टी के नए नेता का चयन नहीं हो जाता।
ट्रूडो ने इस्तीफा क्यों दिया
- कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर अपने पद से इस्तीफा देने के लिए दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था, और यह दबाव कई महीनों तक बना रहा। उनका नेतृत्व समय के साथ अधिक अलग-थलग पड़ता गया, और पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ने लगा। इसके साथ ही देश की आर्थिक समस्याओं के समाधान में ट्रूडो की नीतियों पर भी सवाल उठने लगे, जो अंततः उनके इस्तीफे की वजह बने।
- अक्टूबर में 24 लिबरल सांसदों ने सार्वजनिक रूप से ट्रूडो से इस्तीफा देने की मांग की, जिससे स्थिति और अधिक गंभीर हो गई। पार्टी के भीतर कोई मजबूत उत्तराधिकारी न होने के कारण, अब पार्टी नेतृत्व संकट का सामना कर रही है।
- महंगाई और कोविड-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव ने भी ट्रूडो के नेतृत्व के प्रति असंतोष को बढ़ाया। कनाडा में केवल 28% लोग ही चाहते थे कि वह फिर से चुनावों में हिस्सा लें, और उनका अनुमोदन रेटिंग 30% तक गिर गया था।
- जस्टिन ट्रूडो के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा के बाद, लिबरल पार्टी ने नए नेता की तलाश शुरू कर दी है। इस पद के लिए मेलानी जोली, क्रिस्टी क्लार्क और मार्क कार्नी जैसे नेता संभावित उम्मीदवारों के रूप में सामने आए हैं। कनाडा में 27 जनवरी से संसद सत्र शुरू होने वाला है और इसके लिए जल्द ही विश्वास मत और चुनाव होने की संभावना है।
जस्टिन ट्रूडो
- जस्टिन पियरे जेम्स ट्रूडो का जन्म 25 दिसंबर, 1971 को ओटावा, कनाडा में हुआ था। वह कनाडा के इतिहास में दूसरे सबसे युवा प्रधानमंत्री हैं और अपनी करिश्माई नेतृत्व शैली के लिए प्रसिद्ध हैं। 2015 में उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली और जनवरी 2024 तक इस पद पर बने रहे।
- शिक्षा: जस्टिन ट्रूडो, कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री पीयरे ट्रूडो के बेटे हैं। भले ही उनका परिवार राजनीति में सक्रिय था, लेकिन उन्होंने शिक्षा और अध्यापन को करियर के रूप में चुना। उन्होंने मॉन्ट्रियल के जीन-डे-ब्रेबेफ कॉलेज में पढ़ाई की और बाद में मैकगिल विश्वविद्यालय और यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया से पर्यावरण भूगोल में डिग्री प्राप्त की।
- परिवार: ट्रूडो का परिवार कनाडा की राजनीति में बहुत प्रसिद्ध है। उनके पिता ने कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था। उनका एक भाई अलेक्जेंडर ट्रूडो और एक भाई मिशेल ट्रूडो भी था। 2005 में उन्होंने सोफी ग्रेगॉयर से शादी की, और उनके तीन बच्चे हैं – ज़ेवियर जेम्स ट्रूडो, एला-ग्रेस मार्गरेट ट्रूडो, और हैड्रियन ग्रेगॉयर ट्रूडो।
- करियर: राजनीति में आने से पहले जस्टिन ट्रूडो ने वैंकूवर में एक हाई स्कूल शिक्षक के रूप में काम किया, जहां उन्होंने फ्रेंच, गणित और नाटक पढ़ाया। 2008 में उन्होंने पापीनेउ, क्यूबेक से सांसद के रूप में चुनाव जीता। 2013 में वह लिबरल पार्टी के नेता बने और पार्टी की स्थिति को सुधारने का लक्ष्य रखा।
जस्टिन ट्रूडो का प्रधानमंत्री कार्यकाल (2015-2024)
- जस्टिन ट्रूडो ने 4 नवम्बर 2015 को कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया और लिबरल पार्टी की बहुमत वाली सरकार बनाई।
- उन्होंने मध्यम आय वाले कनाडाई लोगों के लिए कर में कटौती की और टॉप 1% आय अर्जित करने वालों पर कर बढ़ाए।
- उन्होंने 2010 में बंद की गई अनिवार्य लंबी-फॉर्म जनगणना को फिर से लागू किया।
- 2021 में, उन्होंने एक बच्चों के लाभ कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसमें दावा किया गया कि इसने 400,000 बच्चों को गरीबी से बाहर निकाला।
- उन्होंने कार्बन मूल्य निर्धारण नीति लागू की, जिससे 2050 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन और 2030 तक 30% ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी का लक्ष्य रखा।
- आवास मूल्य में वृद्धि को रोकने के लिए उन्होंने एक आवास त्वरक कोष और विदेशी खरीदारों पर प्रतिबंध लगाया।
- 2019 में, ट्रूडो की लिबरल पार्टी ने कनाडाई संघीय चुनाव में सबसे अधिक सीटें जीतीं और अल्पमत सरकार बनाई।
- उसी वर्ष, उन्होंने COVID-19 महामारी से निपटने के लिए वित्तीय सहायता कार्यक्रमों की शुरुआत की, जिनमें सीईआरबी (कनाडा आपातकालीन प्रतिक्रिया लाभ) और सीईडब्ल्यूएस (कनाडा आपातकालीन वेतन सब्सिडी) शामिल थे।
- उन्होंने क्यूबेक और ओंटारियो में दीर्घकालिक देखभाल घरों में कनाडाई सशस्त्र बलों को तैनात किया, यह ऑपरेशन लेजर का हिस्सा था।
- 2021 के चुनाव में, उनकी पार्टी ने 160 सीटों के साथ तीसरी बार जीत हासिल की और दूसरी अल्पमत सरकार बनाई।
- 2022 में, उन्होंने एनडीपी के साथ एक विश्वास और आपूर्ति समझौता किया, जिसके तहत एनडीपी ने 44वीं संसद के शेष समय तक लिबरल सरकार का समर्थन किया।
- उन्होंने CUSMA समझौते के माध्यम से अमेरिका के साथ व्यापार संबंधों में सुधार किया। इस समझौते में अमेरिकी दूध आयात की अनुमति देने और स्टील व एल्युमिनियम पर टैरिफ को संबोधित करने के लिए रियायतें दी गईं।
- 2024 में, कनाडा में खाद्य बैंकों का उपयोग अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, जो वैश्विक खाद्य संकट का परिणाम था।
जस्टिन ट्रूडो – सम्मान
- 6 फरवरी 2012 को, जस्टिन ट्रूडो को कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स के सदस्य के रूप में क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय हीरक जयंती पदक से सम्मानित किया गया।
- 16 मई 2018 को, उन्हें न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय से मानद डॉक्टर ऑफ लॉज़ (LL.D) की डिग्री मिली और उन्होंने दीक्षांत भाषण भी दिया।
- 19 जून 2019 को, जस्टिन ट्रूडो को ला प्लेएड के ऑर्डर का ग्रैंड क्रॉस सम्मान मिला।23 अगस्त 2024 को, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेन्स्की ने ऑर्डर ऑफ लिबर्टी (यूक्रेन) सम्मान से जस्टिन ट्रूडो को यूक्रेनी-कनाडाई संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया।
कनाडा में सत्ता परिवर्तन से भारत पर असर
- वीजा नीति में बदलाव: अगर कनाडा में कंजरवेटिव पार्टी सत्ता में आती है, तो वर्तमान सख्त वीजा नीतियों में ढिलाई हो सकती है। इससे भारत के नागरिकों के लिए कनाडा में काम या अध्ययन के अवसर प्राप्त करना आसान हो सकता है।
- राजनयिक संबंधों में सुधार: जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व में कनाडा ने खालिस्तान समर्थकों को समर्थन दिया था, जिससे भारत के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। नेतृत्व परिवर्तन के बाद, नीति में बदलाव हो सकता है और संबंधों में सुधार हो सकता है।
- भारतीय अप्रवासन में वृद्धि: हाल के वर्षों में कनाडा जाने वाले भारतीयों की संख्या में थोड़ी कमी आई थी, लेकिन नेतृत्व परिवर्तन के बाद भारतीय अप्रवासन में वृद्धि हो सकती है। कनाडा की अप्रवासन नीतियाँ भारत के नागरिकों के लिए अधिक अनुकूल हो सकती हैं, जिससे भारतीय समुदाय का विस्तार हो सकता है।
- आर्थिक सहयोग में वृद्धि: सरकार के बदलाव से कनाडा और भारत के बीच आर्थिक सहयोग को फिर से प्रोत्साहन मिल सकता है। व्यापार, प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्रों में नए नेतृत्व द्वारा विकास देखा जा सकता है।
- भूराजनीतिक संबद्धता: नए सरकार के तहत कनाडा की विदेश नीति भारत के हितों के साथ अधिक मेल खा सकती है। इससे वैश्विक मुद्दों पर भारत के समर्थन में वृद्धि हो सकती है, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा, और आर्थिक सुधार।