26 जनवरी 2025 को भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाया गया । यह दिवस हर वर्ष संविधान को अपनाने और उपनिवेशी शासन से मुक्त होकर गणतंत्र में परिवर्तन होने की याद में मनाया जाता है।
गणतंत्र दिवस 2025 की प्रमुख विशेषताएँ
- मुख्य अतिथि: भारतीय गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो मुख्य अतिथि थे।
- इंडोनेशियाई मार्चिंग दल: 26 जनवरी 2025 को कर्त्तव्य पथ पर होने वाली परेड में इंडोनेशिया का 160 सदस्यीय मार्चिंग दल और 190 सदस्यीय बैंड भारतीय सशस्त्र बलों की यूनिट्स के साथ भाग लिए ।
- सांस्कृतिक प्रदर्शन: 300 सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा “सारे जहाँ से अच्छा” सहित विभिन्न संगीत वाद्ययंत्रों पर सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई ।
- झाँकियाँ: विभिन्न राज्यों, संघ शासित क्षेत्रों और केंद्रीय मंत्रालयों से 31 झाँकियाँ परेड में भाग लेंगी।
- मुख्य विषय: स्वर्णिम भारत – विरासत और विकास: “Golden India: Heritage and Development” पर मुख्य ध्यान केंद्रित किया गया ।
- संविधान के 75 वर्ष: दो झाँकियाँ संविधान के 75 वर्ष पूरे होने की उपलब्धि को प्रदर्शित किए गये ।
- सशस्त्र बलों की संयुक्त झाँकी: पहली बार तीनों सशस्त्र बलों की संयुक्त झाँकी कर्त्तव्य पथ से गुजरी ।
- महत्वपूर्ण आकर्षण: इस बार के गणतंत्र दिवस पर भगवान बिरसा मुंडा, सरदार वल्लभभाई पटेल और भारत मौसम विज्ञान विभाग की 150वीं वर्षगाँठ के विशेष कार्यक्रम शामिल हुए ।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित “जयति जय मम भारतं” नामक सांस्कृतिक कार्यक्रम में 5000 से अधिक कलाकार 45 भारतीय नृत्य शैलियों का प्रदर्शन हुए ।
- वीर गाथा 4.0: भारतीय सशस्त्र बलों के साहस और बलिदान को सम्मानित करने के लिए वीर गाथा कार्यक्रम का संस्करण आयोजित किया गया, जिसमें देशभर के करीब 1.76 करोड़ छात्रों ने भाग लिए ।
- 76वें गणतंत्र दिवस परेड में सुखोई ने दिखाया जलवा:भारतीय वायु सेना ने 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर फ्लाई-पास्ट प्रस्तुत किया. इस दौरान सुखोई-30 लड़ाकू विमान देखा गया. इस परेड में 40 विमानों ने हिस्सा लिया.
- अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर ने किया रोमांचक प्रदर्शन: 76वें गणतंत्र दिवस पर वायु सेना ने परेड के दौरान कर्तव्य पथ पर फ्लाई-पास्ट प्रस्तुत किया. इसमें 22 लड़ाकू विमान, 11 परिवहन विमान और 7 हेलीकॉप्टर सहित कुल 40 विमान शामिल थे. साथ ही 3 अपाचे हेलीकॉप्टर ने भी प्रदर्शन किया.
- परेड में BSF की ऊंट की टुकड़ी ने प्रदर्शन किया:दिल्ली में कर्तव्य पथ पर 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान बीएसएफ की ऊंट टुकड़ी के साथ बीएसएफ और एनसीसी की टुकड़ी ने प्रदर्शन किया. इसमें एनसीसी के युवकों का उत्साह देखते ही बना.
- ब्रह्मोस मिसाइल, पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट प्रणाली का प्रदर्शन:गणतंत्र दिवस परेड में ब्रह्मोस मिसाइल और पिनाका मल्टी-लॉन्चर रॉकेट प्रणाली का कर्तव्य पथ पर प्रदर्शन किया गया. इसे देखकर सभी ने गौरवान्वित महसूस किया.
- भारत पर्व: संस्कृति मंत्रालय द्वारा 26 से 31 जनवरी 2025 तक लाल क़िला पर भारत पर्व का आयोजन किया गया , जिसमें गणतंत्र दिवस की झाँकियाँ और सैन्य बैंड शामिल किये गये ।
- एनसीसी रैली: 27 जनवरी 2025 को प्रधानमंत्री की एनसीसी रैली में “युवाशक्ति – विकसित भारत” थीम को प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा।
- बीटिंग रिट्रीट समारोह: गणतंत्र दिवस समारोह का समापन 29 जनवरी 2025 को विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह के साथ होगा।
भारत का गणतंत्र दिवस: परिचय और इतिहास
परिचय
- गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को भारत में मनाया जाता है, जो भारतीय संविधान को अपनाने और भारत के उपनिवेश से गणराज्य में परिवर्तन की याद दिलाता है।
- यह दिन उस समय को चिह्नित करता है जब भारतीय संविधान 1950 में लागू हुआ, जिसने भारत सरकार अधिनियम 1935 की जगह ली और एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना की।
- यह दिन खास है क्योंकि 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) ने ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता यानी पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। इस प्रकार, यह दिन भारत की स्वतंत्रता और स्व-शासन की यात्रा में महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं।
- भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था, लेकिन यह 26 जनवरी 1950 को प्रभावी हुआ। इस दिन भारत औपचारिक रूप से एक गणराज्य बना।
- इस दिन, डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली, और संविधान के तहत नई सरकार संरचना काम करना शुरू हुई।
इतिहास
- स्वतंत्रता से पूर्व (1900-1947): 20वीं सदी की शुरुआत में भारत ब्रिटिश उपनिवेशी शासन के अधीन था। 1920 के दशक में स्वतंत्रता संग्राम ने गति पकड़ी जब महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन जैसे कई बड़े आंदोलन हुए।
- 1927 में, ब्रिटिश सरकार ने भारत में राजनीतिक सुधारों पर चर्चा के लिए साइमन आयोग नियुक्त किया। इसका प्रमुख विरोध इसलिए हुआ क्योंकि इसमें भारतीय प्रतिनिधित्व नहीं था।
- इसके जवाब में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में अपना खुद का आयोग स्थापित किया और 1928 में नेहरू रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें भारत के लिए डोमिनियन स्टेटस की मांग की गई थी। हालांकि, ब्रिटिश सरकार ने इसे तत्काल लागू नहीं किया।
- 1929 में लाहौर कांग्रेस सत्र एक महत्वपूर्ण अधिवेशन था, जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश सत्ता को नकारते हुए, पूर्ण स्वराज (पूर्ण स्वतंत्रता) की घोषणा की। इस निर्णय ने पूर्ण स्वतंत्रता और एक राष्ट्रीय संविधान की आवश्यकता की मांग को जन्म दिया।
- इसके बाद स्वतंत्रता की आधिकारिक घोषणा 26 जनवरी 1930 को कर दी गई। कांग्रेस ने भारतीयों से इस दिन को एक उत्सव के रूप में मनाने का आह्वान किया। तब से 26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस मनाया जाता हैं।
संविधान सभा की भूमिका (1946-1949):
- 15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के बाद, देश ने प्रारंभ में भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 और भारत सरकार अधिनियम 1935 के तहत काम करना शुरू किया। इसके बाद एक संविधान सभा का गठन किया गया, जिसका उद्देश्य एक नया संविधान तैयार करना था।
- अगस्त 1947 में, संविधान समिति का गठन हुआ, जिसे डॉ. बी.आर. आंबेडकर की अध्यक्षता में एक संपूर्ण संविधान तैयार करना था।
- 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को संविधान सभा द्वारा अंगीकृत किया गया।
- 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ, और भारत औपचारिक रूप से गणतंत्र देश बन गया। तब से भारत ब्रिटिश क्राउन के प्रभुत्व से बाहर हो गया और एक संप्रभु, लोकतांत्रिक शासन के तहत काम करने लगा।
मुख्य बिंदु
इस साल भारत को गणतंत्र बने 75 साल हए , जिसे खास थीम- ‘स्वर्णिम भारत: विकास और विरासत’ से मनाया जा गया । इसी थीम के मुताबिक 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और 15 केंद्रिय मंत्रालयों की झांकियां प्रदर्शित की गयी ।गणतंत्र दिवस की परेड में ये झांकियां भारत को एकता के सूत्र में बांधती हैं। अलग-अलग राज्यों की संस्कृति और उनकी उपलब्धियों को झांकियों में दर्शाया जाता है।
15 राज्यों की झांकियां.
- मध्य प्रदेश थीम: कुनो राष्ट्रीय उद्यान के चीते मध्य प्रदेश की झांकी में कूनो नेशनल पार्क और वहां के चीते के संरक्षण को दिखाया गया।
- उत्तर प्रदेश थीम: महाकुंभ 2025 – स्वर्णिम भारत विरासत और विकास उत्तर प्रदेश की झांकी “महाकुंभ 2025” पर थी। इसके माध्यम से राज्य की सांस्कृतिक विरासत और विकास को दिखाया गया।
- दिल्ली थीम: क्वालिटी एजुकेशन दिल्ली की झांकी में क्वालिटी एजुकेशन को दिखाया गया। ये झांकी राज्य की प्राथमिकता और इनोवेशन को बता रही थी।
- बिहार थीम: स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास (नालंदा विश्वविद्यालय) बिहार की झांकी ने “स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास” की थीम के अंतर्गत नालंदा विश्वविद्यालय की विरासत को दिखाया।
- झारखंड थीम: स्वर्णिम झारखंड: विरासत और प्रगति की एक विरासत झारखंड की झांकी ने “स्वर्णिम झारखंड” के तहत राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और विकास को दिखाया।
- पंजाब थीम: पंजाब ज्ञान और बुद्धि की भूमि पंजाब की झांकी बाबा शेख फरीद को समर्पित की गई। साथ ही ग्रामीण पंजाब के भी दर्शन कराए गए।
- चंडीगढ़ थीम: सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ की झांकी में विरासत, इनोवेशन के साथ ही शहर की खूबसूरती को दिखाया गया।
- पश्चिम बंगाल थीम: ‘लक्ष्मी भंडार’ और ‘लोक प्रसार प्रकल्प’ पश्चिम बंगाल की झांकी “लक्ष्मी भंडार” और “लोक प्रसार प्रकल्प” पर आधारित थी, जो आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है।
- कर्नाटक थीम: लक्कुंडी: पत्थर शिल्प का उद्गम स्थल कर्नाटक की झांकी में लक्कुंडी की पत्थर की शिल्पकला को दिखाया गया। यह राज्य की ऐतिहासिक धरोहर को दिखा रही थी।
- आंध्र प्रदेश थीम: एटिकोप्पका बोम्मलु- इको फ्रेंडली लकड़ी के खिलौने आंध्र प्रदेश ने अपनी झांकी में एटिकोप्पाका के इको-फ्रेंडली लकड़ी के खिलौनों को दिखाया।
- उत्तराखंड थीम: उत्तराखंड: सांस्कृतिक विरासत और एडवेंचर स्पोर्ट्स उत्तराखंड की झांकी में राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और एडवेंचर स्पोर्ट्स को दिखाया गया। यह राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन को बताती है।
- गोवा थीम: गोवा की सांस्कृतिक विरासत गोवा की झांकी में राज्य की सांस्कृतिक विरासत को दिखाया गया। इसमें गोवा के लोकनृत्य, कला और संगीत की झलक थी।
- गुजरात थीम: स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास गुजरात की झांकी में राज्य की विरासत के साथ हीआधुनिक प्रगति को दिखाया गया।
- त्रिपुरा थीम: अनन्त श्रद्धा: त्रिपुरा में 14 देवताओं की पूजा त्रिपुरा की झांकी में खारची पूजा के माध्यम से राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को दिखाया गया।
- दादरा नगर हवेली और दमन एवं दीव थीम: कुकरी मेमोरियल के साथ दमन एवियरी बर्ड पार्क- भारतीय नौसेना के बहादुर नाविकों को श्रद्धांजलि इस झांकी में दमन के एवियरी बर्ड पार्क और कुक्रि मेमोरियल को दिखाया गया। इसमें भारतीय नौसेना के वीर नाविकों को श्रद्धांजलि दी गई।