सेबी ने ईएसजी रेटिंग प्रदाताओं (ईआरपी) के लिए नियामक फ्रेमवर्क को मजबूत करने के लिए नए उपायों का प्रस्ताव रखा
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सेबी ने ईएसजी रेटिंग प्रदाताओं (ईआरपी) के लिए नियामक फ्रेमवर्क को मजबूत करने के लिए नए उपायों का प्रस्ताव रखा।
सेबी ने ईएसजी रेटिंग प्रदाताओं (ईआरपी) के लिए फ्रेमवर्क को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त प्रावधानों का प्रस्ताव दिया है।
ईएसजी रेटिंग प्रदाताओं (ईआरपी) के लिए नियामक फ्रेमवर्क को मजबूत करने के नए उपायों का मुख्य उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाना है।
प्रस्ताव ईएसजी रेटिंग को वापस लेने और रेटिंग तर्क के प्रकटीकरण जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है।
ग्राहक-भुगतान मॉडल के तहत, सेबी ने प्रस्ताव दिया है कि यदि रेटिंग के लिए कोई ग्राहक नहीं हैं तो ईआरपी रेटिंग वापस ले सकते हैं।
जारीकर्ता-भुगतान मॉडल के तहत, ईआरपी लगातार तीन वर्षों तक सुरक्षा की रेटिंग, या सुरक्षा के कार्यकाल का 50 प्रतिशत – जो भी अधिक हो – और मूल्य के आधार पर 75 प्रतिशत बांडधारकों से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद रेटिंग वापस लेने में सक्षम होंगे।
सेबी ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि ग्राहक-भुगतान मॉडल का पालन करने वाले ईआरपी को विस्तृत रेटिंग तर्क और रिपोर्ट केवल ग्राहकों के साथ साझा करनी चाहिए तथा उन्हें अपनी वेबसाइट पर प्रकट नहीं करना चाहिए।
नए उपायों के अनुसार, नए नियम जारी होने के दो साल बाद श्रेणी- II ईआरपी के लिए आंतरिक ऑडिट और नामांकन और पारिश्रमिक समिति (एनआरसी) की संरचना आवश्यक होगी।