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आभासी डिजिटल परिसंपत्ति पर कर

भारत के आयकर विधेयक, 2025 ने हाल ही में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के लिए एक कानूनी ढांचा पेश किया है।वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टो एसेट्स) मूल्य के किसी भी डिजिटल प्रतिनिधित्व को संदर्भित करते हैं जिसका डिजिटल रूप से व्यापार, हस्तांतरण या भुगतान के लिए उपयोग किया जा सकता है।यह आयकर विधेयक, 2025 धारा 2(111) और धारा 92 (5)(f) में पाया जाता है और इसमें क्रिप्टोकरेंसी और नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) जैसी डिजिटल संपत्तियां शामिल हैं।भारत का विधेयक पहली बार VDA (क्रिप्टोकरेंसी और NFT सहित) को संपत्ति और पूंजीगत संपत्ति के रूप में मानता है।सरकार यह सुनिश्चित करती है कि उन पर मानक संपत्ति सिद्धांतों के तहत कर लगाया जाए, VDA को पूंजीगत संपत्ति के रूप में वर्गीकृत करके अनियमित वित्तीय साधनों के रूप में दुरुपयोग को रोका जाए।भारत अब यू.के., यू.एस., सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ वी.डी.ए. को संपत्ति या प्रतिभूतियों के रूप में मानने के लिए सहमत हो गया है।

मुख्य प्रावधान

आभासी डिजिटल परिसंपत्ति (Virtual Digital Assets -VDAs)

आभासी डिजिटल परिसंपत्ति (VDAs) पर नया कराधान (Income Tax Bill, 2025)

कटौती की अनुमति नहीं

उदाहरण:

1% TDS लागू होगा

आभासी डिजिटल परिसंपत्ति (VDA) पर कराधान की चुनौतियाँ

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