केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने डेयरी क्षेत्र में स्थिरता और चक्रीयता पर कार्यशाला का उद्घाटन किया।
कार्यशाला सहकारिता मंत्रालय और पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय की नीतियों और पहलों पर केंद्रित थी।
इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ आर्थिक विकास सुनिश्चित करते हुए टिकाऊ डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देना है।
इसमें कई राज्यों में बायोगैस संयंत्रों की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
डेयरी कचरे को बायोगैस, संपीड़ित बायोगैस और जैविक उर्वरकों में परिवर्तित करने वाले टिकाऊ खाद प्रबंधन मॉडल पर तकनीकी सत्र भी आयोजित किए गए।
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, उद्योग और वैश्विक संगठनों के विशेषज्ञों ने परिपत्र डेयरी प्रथाओं का विस्तार करने और वित्तपोषण विकल्पों, कार्बन क्रेडिट अवसरों और अपशिष्ट से ऊर्जा समाधान का पता लगाने के तरीकों पर चर्चा की।