- भारत जून 2025 तक तमाल को अपनी नौसेना में शामिल कर सकता है।
- तमाल एक बहु-भूमिका वाला स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है। इसे रूस के यंतर शिपयार्ड में बनाया गया है।
- यह ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल लॉन्च करने में सक्षम है।
- यह 2016 के भारत-रूस सौदे का हिस्सा है। इस सौदे में तलवार श्रेणी के चार स्टील्थ फ्रिगेट का निर्माण शामिल था।
- सौदे के अनुसार दो का निर्माण रूस में और दो का निर्माण भारत में किया जाना था।
- आईएनएस तुशील पहला रूसी निर्मित फ्रिगेट था।
- इसे 9 दिसंबर, 2024 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रूस यात्रा के दौरान नौसेना में शामिल किया गया था।
- तमाल का अभी रूस में परीक्षण चल रहा है।
- तमाल 30 नॉट (55 किमी/घंटा) तक की गति तक पहुँच सकता है। इसका वजन 3,900 टन है।
- एक मिशन पर इसकी रेंज 3,000 किलोमीटर है।
- इसकी प्रमुख विशेषताएँ ब्रह्मोस मिसाइल क्षमता, उन्नत पनडुब्बी रोधी रॉकेट और पानी के नीचे के खतरों के लिए टॉरपीडो हैं।
- तमाल एक बहु-भूमिका हेलीकॉप्टर ले जा सकता है और तैनात कर सकता है तथा दुश्मन के रडार से बच सकता है।
- आईएनएस तुशील और तमाल तलवार श्रेणी के फ्रिगेट के तीसरे बैच का हिस्सा हैं।
- तमाल नौसेना के लिए आयातित अंतिम युद्धपोत होगा।
