- भारत द्वारा सतत शहरी विकास के लिए शहर-दर-शहर सहयोग, ज्ञान साझाकरण और निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए एक बहु-राष्ट्रीय गठबंधन, सिटीज कोलिशन फॉर सर्कुलरिटी (सी-3) शुरू किया गया।
- यह मंच नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं और शोधकर्ताओं को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सतत अपशिष्ट प्रबंधन और संसाधन दक्षता को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाएगा।
- भारत पी (प्रो-प्लैनेट पीपुल) दृष्टिकोण का पालन करता है और इसकी पुरजोर वकालत करता है तथा सतत शहरी विकास और संसाधन दक्षता सुनिश्चित करने में 3आर और परिपत्र अर्थव्यवस्था सिद्धांतों की भूमिका पर प्रकाश डालता है।
- सतत शहरी विकास और संसाधन दक्षता सुनिश्चित करने में 3आर (रिड्यूस, रीयूज और रीसाइकिल) और परिपत्र अर्थव्यवस्था सिद्धांतों की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
- जयपुर में लॉन्च कार्यक्रम में CITIIS 2.0 के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए, जो शहरी स्थिरता पहलों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
- केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की कि सरकार इस पहल के तहत 1,800 करोड़ रुपये के समझौतों पर हस्ताक्षर करेगी, जिससे 14 राज्यों के 18 शहरों को लाभ मिलेगा और अन्य शहरी क्षेत्रों के लिए प्रकाश स्तंभ परियोजनाओं के रूप में काम किया जाएगा।
- 2009 में, एशिया और प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम को पूरे क्षेत्र में स्थायी अपशिष्ट प्रबंधन, संसाधन दक्षता और सर्कुलर अर्थव्यवस्था सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए लॉन्च किया गया था।
