- उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी है।
- 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति के तहत, राज्य में सभी शराब की दुकानों का प्रबंधन ई-लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा।
- मौजूदा शराब की दुकान का लाइसेंस 2026-27 तक नवीनीकृत नहीं किया जाएगा।
- इस नीति की मुख्य विशेषताओं में से एक “कंपोजिट शॉप्स” है, जहाँ बीयर, शराब और वाइन एक ही काउंटर से बेची जाएगी।
- नई नीति से राज्य में शराब की कीमतों में भी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
- सरकार ने आबकारी राजस्व में 55,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है। यह पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 4,000 करोड़ रुपये अधिक है।
- 25 लाख रुपये के वार्षिक शुल्क के भुगतान पर प्रीमियम खुदरा दुकान के लाइसेंस का नवीनीकरण किया जाएगा।
- नई नीति के अनुसार, मल्टीप्लेक्स या मॉल के भीतर प्रीमियम ब्रांड की शराब की दुकानों की अनुमति नहीं होगी।
- सरकार ने व्यक्तिगत गृह लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया को भी सरल बना दिया है।
