सोम. नवम्बर 25th, 2024
  • 14 जुलाई 2023 को भारत ने चंद्रयान-3 को एलवीएम3-एम4 रॉकेट से श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया।
  • इसरो के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता से रूस (सोवियत संघ), अमेरिका और चीन के बाद भारत चौथा देश होगा, जिसने चंद्रमा पर साफ्ट लैंडिंग किया हो।
  • इसरो ने 2008 में चंद्रयान-1 लॉन्च किया। 2019 में चंद्रयान-2 को लॉन्च किया गया। 14 जुलाई 2023 को श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया गया।
  • चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान और मून पर सॉफ्ट लैंडिंग करने के इसके मिशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल (P Veeramuthuvel) हैं. वह 2019 में चंद्रयान 2 मिशन में भी शामिल थे.      

चंद्रयान-3 के प्रपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर

  • चंद्रयान-2 में जहां ऑर्बिटर, लैंडर और रोवर थे। वहीं, चंद्रयान-3 में प्रपल्शन मॉड्यूल, लैंडर और रोवर लगे हैं।
  • चंद्रयान-3 का लैंडर+रोवर चंद्रयान-2 के लैंडर+रोवर से करीब 250 किलो ज्यादा वजनी है।

मिशन कितने समय तक कार्य करेंगे 

  • चंद्रयान-2 की मिशन लाइफ 7 वर्ष (अनुमानित) थी, वहीं चंद्रयान-3 के प्रपल्शन मॉड्यूल को 3 से 6 महीने काम करने के लिए डिजाइन किया गया है।
  • चंद्रयान-2 के मुकाबले चंद्रयान-3 अधिक शीघ्रता से  चांद की ओर बढ़ेगा।
  • चंद्रयान-3 के लैंडर में 4 थ्रस्टर्स लगाए गए हैं। करीब 40 दिन के सफर के बाद चंद्रयान-3 चांद की सतह तक पहुंच जाएगा। चंद्रयान-2 को चांद तक पहुंचने में 42 दिन लगे थे।

मिशन की लागत

  • इस मिशन को लॉन्च करने में 615 करोड़ रुपये की लागत आई है। जबकि इसे लॉन्च करने में ही 500 करोड़ रुपये की लागत आई है।

मिशन का लक्ष्य

  • चंद्रयान-3 मिशन का लक्ष्य चांद की सतह के बारे में अधिक जानकारी जुटाना है। इसके लिए लैंडर पर चार प्रकार के वैज्ञानिक उपकरण लगाए गए हैं।

जो मुख्यत

  • चांद पर आने वाले भूकंपों,
  • सतह की थर्मल प्रॉपर्टीज,
  • सतह के करीब प्‍लाज्‍मा में बदलाव
  • चांद और पृथ्वी के मध्य की सटीक दूरी मापने का प्रयास और
  • चांद की सतह के रासायनिक और खनिज संरचना का अध्ययन करेगा।
https://currenthunt.com/hi/2023/07/suicide-drone-kamikaze-has-been-developed-by-iit-kanpur-2/

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